पूर्व RSS प्रमुख की तारीफ में संस्कृति मंत्रालय का ट्वीट, पूर्व सचिव बोले- शर्म से झुक गया सिर, गांधी के स्वतंत्रता संग्राम के विरोधी थे गोलवलकर और संघ
मंत्रालय ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य को टैग करते हुए ट्वीट किया,‘‘ महान विचारक, असाधारण नेता और विद्वान एमएस गोलवलकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए।

संस्कृति मंत्रालय ने एम एस गोलवलकर की जयंती पर शुक्रवार को ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें महान विचारक, विद्वान और असाधारण नेता बताया। मंत्रालय के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया और विपक्षी दलों के नेताओं और नागरिक संगठनों ने प्रश्न किया कि सरकार उन्हें महिमामंडित क्यों कर रही है। संस्कृति मंत्रालय के पूर्व सचिव जवाहर सिरकर ने कहा, मंत्रालय का ट्वीट देखकर उनका सिर शर्म से झुक गया है। उनका कहना है कि गोलवलकर और संघ गांधी के स्ततंत्रता संग्राम के विरोधी थे।
मंत्रालय ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य को टैग करते हुए ट्वीट किया,‘‘ महान विचारक, असाधारण नेता और विद्वान एमएस गोलवलकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए। उनके विचार प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे और पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।’’गोलवलकर को लेकर मंत्रालय जो ट्वीट किया उसमें उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
Remembering a great thinker, scholar, and remarkable leader #MSGolwalkar on his birth anniversary. His thoughts will remain a source of inspiration & continue to guide generations. @prahladspatel @secycultureGOI @PMOIndia @PIBCulture @pspoffice pic.twitter.com/3keZ08vPfM
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) February 19, 2021
सांस्कृति मंत्रालय ने अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनका कौन सा विचार प्रेरणा का स्रोत है। हालांकि जर्मनी के तानाशाह हिटलर और गोलवलकर के विचारों में काफी समानता रही है। आरएसएस खुद गोलवलकर के कुछ विचारों से अपना पल्ला भी झाड़ चुकी है। cpiml की पोलित ब्यूरो मेंबर कविता कृष्णन ने गोलवलकर के विचारों को लेकर शुक्रवार को कई ट्वीट किए। उनका कहना था कि आरएसएस 2006 में गोलवलकर के नाजी स्टैंड से किनारा कर चुका है, लेकिन उनके बंच ऑफ थाट्स ज्यादा अलग नहीं थे। बकौल कृष्णन हम अल्पसंख्यकों से हिंदुओं के साथ मिलने की अपील करते हैं, जबकि बंच ऑफ थाट्स उनसे कहता है कि कॉमन नेशनल स्ट्रीम को आत्मसात करके खुद को उसमें मिला दो।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस ट्वीट की आलोचना की। थरूर ने ट्वीट किया,‘‘ शायद ही कोई संस्कृति मंत्रालय को गंभीरता से लेने के पक्ष में हो और इस बात को माने कि यह व्यक्ति महान विचारक और विद्वान था। ‘‘व्हाई आई एम ए हिंदू’’ के कुछ अंश को दोबारा पोस्ट करते हुए, जिनमें उनके कुछ विचारों की झलक है। भारत सरकार ऐसे व्यक्ति की सराहना कर रही है जिसने भारतीय ध्वज और संविधान के प्रति असम्मान दिखाया था।’’कांग्रेस नेता ने इसके लिए एक लिंक भी पोस्ट किया।
संस्कृति मंत्रालय के मीडिया सलाहकार नितिन त्रिपाठी ने कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है और मंत्रालय सभी की परंपराओं, रस्मों और मूल्यों का आदर करता है। अभिनेत्री स्वरा भास्कर और रिचा चढ्ढा ने सोशल मीडिया पर इस ट्वीट की आलोचना की। यूके की एकेडमिक प्रियमवदा गोपाल ने इस ट्वीट की तरफ सारे विश्व का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, जिसमें गोलवलकर की प्रशंषा की गई। उन्होंने लिखा, भारत सरकार उस महान विचारक को नमन कर रही है, जिसने संस्कृति को हमेशा सबसे ऊपर माना। उधर, सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ट्वीट को लेकर अपने रिएक्शन दिए। कुछ का कहना था कि बीजेपी और संघ किसी दिन गोडसे को भी महान बता देंगे। उनका कहना था कि इस तरह से महिमामंडन गलत है। तो कुछ का कहना था कि शशि थरूर और कांग्रेस को इस देश में कोई गंभीरता से नहीं लेता।