वाह मोदी जी! सीताराम येचुरी बोले- अमीरों के अच्छे दिन, ग़रीबों के बुरे दिन, बढ़े 40 अरबपति
सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते आम आदमी और अमीर लोगों के बीच का फर्क बढ़ा है।

सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते आम आदमी और अमीर लोगों के बीच का फर्क बढ़ा है। देश में बड़ी असमानता पैदा हो गई है। जहां एक आदमी एक घंटे में 90 करोड़ कमा रहा है तो वहीं देश की एक चौथाई आबादी महज 3 हजार रुपये से हर महीने अपना गुजारा कर रही है। येचुरी ने कहा कि इस क्रूरता के खिलाफ देश को एकजुट होना होगा। येचुरी ने एक खबर को ट्वीट किया जिसमें जानकारी दी गई है कि मुकेश अंबानी दुनिया के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
येचुरी द्वारा शेयर की गई खबर के मुताबिक मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर और दुनिया के 8वें सबसे अमीर शख्स हैं। उनके पास कुल 83 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। इसके बाद भारत में गौतम अडानी का नंबर आता है। अडानी को दुनिया में अमीरों की सूची में 48वां स्थान हासिल है। उनके पास कुल 32 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। येचुरी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”करीब 15 करोड़ भारतीय बेरोजगार हुए हैं। इसी दौरान, 40 भारतीय अरबपतियों की सूची में शामिल हुए हैं। कई लोगों की संपत्ति तो 100% प्रतिशत बढ़ी है। जब देश की अर्थव्यवस्था 7% गिर गई थी। अमीरों के लिए ‘अच्छे दिन’, गरीबों के लिए ‘बुरे दिन’। वाह मोदी जी।
Nearly 15 crore Indians have lost their jobs.
During the same time, 40 more billionaires were added to the list. Some of them increased their wealth by 100% when the economy contracted by 7%.
‘Ache Din’ for Super rich, ‘Bure Din’ for poor.
Wah Modi ji. https://t.co/mSc4xF1TYz https://t.co/xoYY1Mj6EX— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 3, 2021
मालूम हो कि सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए थे। मार्च में तो इससे भी बुरी स्थिति थी। ज्यादातर इसमें छोटे कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर थे। इसके अलावा कई नौकरीपेशा लोगों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
ऑक्सफैम इंडिया के मुताबिक जहां भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है वहीं भारत में असमानता में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले तीन दशकों से अमीरों और गरीबों के बीच फर्क लगातार बढ़ा ही है।
रिपोर्ट के मुताबिक पीढ़ी दर पीढ़ी मिलने वाली दौलत और क्रोनी कैपिटलिज्म इसे बड़ी असमानता के लिए जिम्मेदार है। जिसके चलते देश की ज्यादातर संपत्ति कुछ एक लोगों के हाथों में सिमटी है।
अमीर जहां लगातार अमीर हो रहे हैं वहीं गरीबों के लिए दिहाड़ी मजदूरी मिलना भी मुश्किल हो रहा है। औरतें और बच्चे इस असमानता से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। देश की 10 प्रतिशत आबादी के पास देश की 77 फीसदी संपत्ति है।
भारत में इस समय 119 अरबपति हैं। पिछले एक दशक में अरबपतियों की संपत्ति 10 गुना बढ़ी है।