आजादी के बाद सबसे ज्यादा बेरोजगारी, नौकरी पर चर्चा करें पीएम मोदी- सीपीआई महासचिव ने कहा
सीपीआई (एम) महासचिव ने ट्वीट कर लिखा कि "मोदी को नौकरी पर चर्चा करनी चाहिए और लाखों बेरोजगारों के मन की बात सुननी चाहिए।"

सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरूवार को केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला और घटती बेरोजगारी दर के मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को ‘नौकरी पर चर्चा’ करनी चाहिए, क्योंकि आजादी के बाद से देश में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है।
सीपीआई (एम) महासचिव ने ट्वीट कर लिखा कि “मोदी को नौकरी पर चर्चा करनी चाहिए और लाखों बेरोजगारों के मन की बात सुननी चाहिए, जो कि उनकी सरकार की नीतियों जैसे नोटबंदी और गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी के चलते बेरोजगार हुए।”
बता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्रों के साथ बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बातचीत की थी। इस कार्यक्रम को लेकर सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर तीखा तंज कसा।
अपने एक अन्य ट्वीट में सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने लिखा कि आजादी के बाद से देश में बेरोजगारी दर सबसे बुरे दौर में है। 15-19 साल के लोगों के बीच बेरोजगारी 45% है। वहीं 20-24 साल के लोगों के बीच यह 37% है। वहीं शहरी इलाकों में बेरोजगारी 44% तक बढ़ चुकी है।
Modi should do a Naukri par charcha, and listen to the mann ki baat of millions of jobless he has created with his policies like demonetisation and badly planned GST. https://t.co/wvnH3bF0vz
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 21, 2020
रविवार को देश के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के एक बयान पर भी सरकार को घेरा था। दरअसल जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि कश्मीर में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं। इस पर येचुरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सैन्य कमांडर घरेलू राजनीति में शामिल हो रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी एक बार फिर सीताराम येचुरी को राज्यसभा भेजना चाहती है, लेकिन इसके लिए वामपंथी पार्टी को कांग्रेस की मदद की दरकार है। दरअसल पूरे वाममोर्चा को भी मिला लिया जाए तो भी उनके पास इतने विधायक नहीं है कि वह येचुरी को राज्यसभा भेज सकें। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश मुश्किल हालात से गुजर रहा है और ऐसे में सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए संसद में एक मजबूत आवाज की जरूरत है। इसके लिए येचुरी बेहतर व्यक्ति हैं।
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