भारत के दवा नियामक ने वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोरोनारोधी कोविशील्ड और कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ गुरुवार को नियमित विपणन को मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मांडविया ने कहा कि सरकार का टीकाकरण अभियान जारी रहेगा, क्योंकि इसके तहत सभी को पहली और दूसरी खुराक के अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि नियामक ने कुछ शर्तों के साथ वयस्क आबादी में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के साथ कोवैक्सीन और कोविशील्ड के लिए मंजूरी को अपग्रेड किया है। मंजूरी के बाद उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं।
एक सूत्र के मुताबिक इन टीकों को कौन खरीद सकेगा, इनको कौन लगाएगा, टीकाकरण की जानकारी कोविन पोर्टल पर किस प्रकार दी जाएगी आदि के बारे में जल्द ही विस्तृत नियम जारी किए जाएंगे। नए औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के तहत यह मंजूरी दी गई है।शर्तों के तहत, फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डाटा प्रस्तुत करना होगा। टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कुछ शर्तोंे के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने यह मंजूरी दी।
एसआइआइ के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्तूबर को डीसीजीआइ को एक आवेदन दिया था। इस पर डीसीजीआइ ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डाटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल में अधिक डाटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था।
उन्होंने कहा था कि कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोरोना की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है। डीसीजीआइ को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी।