अगले साल की शुरुआत तक देश को 1 से अधिक मिल सकती है COVID-19 Vaccine- स्वास्थ्य मंत्री ने दिया अपडेट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने बताया कि देश को अगले साल की शुरुआत में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन मिल सकती है।

कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने से जुड़ी एक अच्छी खबर मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने बताया कि देश को अगले साल की शुरुआत में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन मिल सकती है। उन्होंने मंगलवार (13 अक्टूबर, 2020) को कहा कि भारत को एक से अधिक स्रोतों से टीके मिल सकते हैं।
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं 2021 की शुरुआत में एक से अधिक स्रोतों से देश को टीका मिल जाएगा। हमारे विशेषज्ञ देश में वैक्सीन के वितरण को कैसे शुरू किया जाए, इसकी योजना के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से कोल्ड चेन सुविधाओं को मजबूत कर रहे हैं। वर्तमान में भारत में चार कोरोना वायरस वैक्सीन का प्री-क्लीनिकल ट्रायल एडवांसड स्टेज में है।
हर्ष वर्धन ने इससे पहले रविवार को कहा था कि 2021 की पहली तिमाही तक एक कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध होनी की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी को देखते हुए एक वैक्सीन या एक वैक्सीन विनिर्माता पूरे देश की वैक्सीन की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है। इसलिए हम भारतीय आबादी के लिए उनकी उपलब्धता के अनुसार देश में कई कोविड-19 वैक्सीन को पेश करने की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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इधर कोविड से जुड़े एक नए अध्ययन में पाया गया कि किसी व्यक्ति की उम्र से यह तय नहीं किया जा सकता कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 से उसके संक्रमित होने की कितनी आशंका है, लेकिन उसके लक्षणों का विकास, बीमारी की तीव्रता और मृत्यु-दर बहुत कुछ उम्र पर निर्भर है। अध्ययन में दिखाया गया है कि बुजुर्ग लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण ज्यादा विकसित होते हैं और उनमें मृत्युदर ज्यादा होती है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए जापान, स्पेन और इटली के उपलब्ध आंकड़ों का इस्तेमाल किया और दिखाया कि कोविड-19 से ग्रस्त होने की आशंका का उम्र से कोई लेना देना नहीं है जबकि कोविड-19 के लक्षण, तीव्रता और मृत्युदर उम्र पर निर्भर करती हैं।
दूसरी तरफ हाल में मां बनीं कोरोना वायरस से संक्रमित महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है कि यदि वे संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मूलभूत एहतियात बरतती हैं, तो उनके शिशुओं के उनसे संक्रमित होने का खतरा न के बराबर है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि आवश्यक एहतियात बरतकर संक्रमित महिलाएं बिना किसी डर के अपने शिशुओं को स्तनपान भी करा सकती है।
पत्रिका ‘जेएएमए पीडिएट्रिक्स’ में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिका के ‘न्यूयॉर्क प्रेस्बिटेरियन हॉस्पिटल’ में 13 मार्च, 2020 से 24 अप्रैल,2020 तक की अवधि में पैदा हुए संक्रमित महिलाओं के 101 नवजात शिशुओं को शामिल किया गया। (एजेंसी इनपुट)
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