दिल्ली में शनिवार को एक दिन में कोविड-19 के 11,486 नए मामले आए और 45 लोगों की मौत हुई। संक्रमण दर 16.36 फीसद रही। यह मौत पांच जून, 2021 के बाद सबसे ज्यादा है। पांच जून को 60 लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को 10,756 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण के कारण 38 और मरीजों की मौत हुई थी, जबकि संक्रमण दर घटकर 18.04 फीसद पर आई थी।
यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से शनिवार को साझा किए गए आंकड़े से मिली। जनवरी में अब तक इस बीमारी से 479 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को कोरोना से मौत का आंकड़ा जनवरी का सर्वाधिक रहा। इससे पहले 16 जनवरी को 28, 17 जनवरी को 24, 18 जनवरी को 38, 19 जनवरी को 35, 20 जनवरी को 43 और 21 जनवरी को 38 लोगों की कोविड से मौत दर्ज हुई थी।
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को 70 हजार से ज्यादा कोरोना की जांच की गई। गुरुवार को 59,629 कोविड जांच की गई, जबकि एक दिन पहले 57,290 जांच की गई थी। दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 के 12,306 मामले सामने आए थे और 43 लोगों की मौत हुई थी, जबकि संक्रमण दर 21.48 फीसद थी। स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन में कहा गया है कि दिल्ली में 2,504 कोविड मरीज अस्पतालों में हैं और उनमें से 160 वेंटिलेटर पर हैं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में 58593 उपचाराधीन कोविड-19 मामलों में से 44415 घर पर एकांतवास में हैं।

दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में पारंपरिक आरटी-पीसीआर जांच की दर 300 रुपए कर दी थी, जिससे इसकी कीमत में 40 फीसद की कमी आई थी। इस पर पहले 500 रुपए का खर्च आता था। निजी इकाइयों में रैपिड एंटीजन जांच पर 100 रुपए खर्च होंगे। पहले इसकी कीमत 300 रुपए थी।
आंकड़ों में सेंध मामलों की हो रही जांच
सैकड़ों भारतीयों का कोविड-19 से जुड़ा डाटा इंटरनेट पर लीक होने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि वे इस मामले की जांच करवा रहे हैं। हालांकि अभी लग रहा है कि यह डाटा कोविन ऐप का नहीं है, क्योंकि इस प्रक्रिया में लोगों के घरों के पते या कोविड की स्थिति की जानकारी नहीं ली गई है।
दरअसल, एक दिन पहले सैकड़ों भारतीयों का कोविड-19 से जुड़ा डाटा इंटरनेट पर लीक होने की खबर आई थी। खबर में कहा गया कि भारत में कोविड-19 से जुड़ा एक सरकारी सर्वर डाटा सेंधमारी का शिकार हो गया है और सर्वर से लोगों का नाम, फोन नंबर, पते और यहां तक कि हजारों लोगों के परीक्षण नतीजे लीक हो गए हैं।
लीक हुए डाटा को रेड फोरम की वेबसाइट पर बिक्री के लिए रखा गया था, जहां एक साइबर अपराधी ने कथित तौर पर दावा किया कि उसके पास 20 हजार से अधिक लोगों का डाटा है। साइबर सुरक्षा के एक शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया ने सेंधमारी के बारे में कहा कि लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक हुई है और गूगल ने लाखों दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए। उन्होंने अपनी अगली ट्वीट में लोगों को सतर्क किया था।