Covid-19 Vaccine HIGHLIGHTS: भारतीय वैक्सीन में दुनिया की दिलचस्पी, COVAXIN की तैयारी देखने के लिए 80 देशों के राजनयिक करेंगे भारत बायोटेक का दौरा
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'सामान्य लोगों को यह वैक्सीन कैसे दिया जाएगा? या उन तक कैसे पहुंचाया जाएगा? इसे लेकर सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है।

Covid-19 Vaccine HIGHLIGHTS: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के प्रभावों से निपटने के लिए एक कारगर वैक्सीन की तलाश करने में जुटी है। अमेरिका, ब्रिटेन और रूस की कंपनियां जल्द से जल्द अपनी वैक्सीन लॉन्च करने के लिए तैयार भी हैं। हालांकि, वैक्सीन मार्केट में सबसे बड़ी चेन होने की वजह से कई देश वैक्सीन के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं। इसी सिलसिले में 80 देशों के राजनयिक 9 दिसंबर को हैदराबाद के भारत बायोटेक का दौरा करेंगे। सभी राजनयिक कोरोना की तैयार हो रही वैक्सीन के बारे में वैज्ञानिकों से बातचीत भी करेंगे। पहले यह दौरा 4 दिसंबर को ही होना था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया था। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
भारत बायोटेक के बाद स्वदेशी वैक्सीन के फ्रंट से एक खुशखबरी आई है। बताया गया है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका की कोविशील्ड के बाद जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भी तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यानी भारत में अब कुल तीन वैक्सीन अंतिम चरण के ट्रायल में हैं। इनमें से दो- कोवैक्सीन और जायडस की वैक्सीन स्वदेशी हैं।
बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते वैक्सीन की प्रगति देखने के लिए दवा कंपनियों का दौरा किया था। 28 नवंबर को उन्होंने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पार्क और हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का दौरा तैयारियों का जायजा लिया था। 30 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज की टीमों से चर्चा की। पीएम ने इन्हें सलाह दी थी कि आम लोगों को वैक्सीन के असर जैसी बातों के बारे में आसान शब्दों में समझाने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट करें।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन- इंटरपोल ने चेताया है कि कुछ अपराधी संगठन वैक्सीन लॉन्च होने के बाद इसकी चोरी की कोशिशें तेज कर सकते हैं। इंटरपोल के मुताबिक, दुनिया के खूंखार अपराधी संगठन वैक्सीन की ताक में बैठे हैं और जैसे ही ये आम जनता को लगने की घोषणा होने लगेगी, वे काम शुरू कर देंगे। इसमें नकली वैक्सीन बेचने से लेकर वैक्सीन स्टॉक की चोरी और असल के साथ नकल की मिलावट जैसी बातें भी हो सकती हैं।
Highlights
दिल्ली में कोरोनावायरस वैक्सीन मिलते ही स्पेशल कोविड-19 इनोक्यूलेशन प्रोग्राम के तहत इसे लगाया जाएगा। सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि MBBS और BDS डॉक्टरों के साथ-साथ इंटर्न, स्टाफ नर्स, सहायक नर्स, दाइयों और फार्मेसिस्टों को संभावित वैक्सिनेटर माना जाएगा। बशर्ते कि उन्हें इंजेक्शन लगाने में अनुभव हो।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि टीका नि:शुल्क और सभी के लिए उपलब्ध हो और अगर इस टीके से किसी तरह की दिक्कत होती है तो उससे जुड़ा इलाज भी मुफ्त हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका में किसी को भी वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर...
हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने ट्वीट करने अपने संक्रमित होने की जानकारी दी। विज का संक्रमित होना चौंकाने वाली बात है, क्योंकि हाल ही में उन्हें भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सिन का ट्रायल शॉट दिया गया था। विज ने इस वैक्सीन के लिए खुद ही वॉलंटियर बनने का फैसला किया था।
देश में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन के विकास, वितरण और संक्रमण की मौजूदा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक की थी। बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'सामान्य लोगों को यह वैक्सीन कैसे दिया जाएगा? या उन तक कैसे पहुंचाया जाएगा? इसे लेकर सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है। सरकार कह रही है कि जिनको जरुरत है उन्हें वैक्सीन दिया जाएगा लेकिन यह कौन तय करेगा? गरीब लोगों को वैक्सीन कैसे मिलेगा? इसपर किसी भी योजना को लेकर चर्चा नहीं की गई।'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से ऑल पार्टी मीटिंग में दिए उस बयान पर सवाल उठाए हैं, जिसमें पीएम ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारें वैक्सीन की कीमत मिलकर तय करेंगी। मलिक ने कहा कि बिहार में तो भाजपा ने वादा किया है कि वह जनता को मुफ्त में वैक्सीन देगी। हम चाहते हैं कि वैक्सीन पूरे देश में मुफ्त दी जाए।
भारत में कोरोनवायरस केसों की संख्या लगातार सातवें दिन 40 हजार के नीचे बनी है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 36 हजार 652 नए मामले सामने आए। वहीं, 512 लोगों की मौत हुई। इसी के साथ देश में सक्रमितों का कुल आंकड़ा अब 96 लाख के पार हो गया है, जबकि मृतकों की संख्या 1.39 लाख है। अब तक कुल 90 लाख 58 हजार लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं।
पटना जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोनावायरस का टीका लगाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। बताया गया है कि टीके के वितरण, भंडारण और कोल्ड चेन मेंटेन करने की गाइडलाइंस को तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक कर्मी सौ लोगों को टीका लगाएंगे। हालांकि इनके सहयोग के लिए साथ में और दो लोग रहेंगे। पहले कोरोना का टीका स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा। अभी तक पटना के 12 हजार 800 स्वास्थ्यकर्मियों की सूची तैयार कर ली गई है और बाकी की सूची तैयार की जा रही है। इसी सूची को पोर्टल पर भी अपलोड करने का काम शुरू कर दिया गया है। शनिवार तक जिला के सभी सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार कर ली जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैक्सीन के वितरण के लिए केंद्रीय और राज्य सरकार की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। भारत में वैक्सीन वितरण के साथ-साथ क्षमता के लिए विशेषज्ञता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ सप्ताह में कोविड वैक्सीन तैयार हो जाएगी। कोरोना वैक्सीन की कीमत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैक्सीन की लागत पर सवाल स्पष्ट है। केंद्र और राज्य सरकार इस पर चर्चा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन की कीमत सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी और राज्य सरकारें इसमें प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
जहां भारत में पिछले दो महीने में कोरोना के केसों में लगाम लगी है, वहीं दुनियाभर में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। अमेरिका और यूरोप में अब हर दिन दो हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, दुनियाभर में अब कोरोना के केस 6.5 करोड़ के पार पहुंच चुके हैं, जबकि मौतों का आंकड़ा 15 लाख से ज्यादा हो गया है। बता दें कि अमेरिका में एक दिन में सबसे ज्यादा 2,25,000 केस आए हैं।
अमेरिका में इस साल चुनाव जीतकर राष्ट्रपति पद के लिए चयनित जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिकी लोगों को कोरोनावायरस की वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर किसी भी तरह की शंका को दूर करने के लिए वे खुद को ही सार्वजनिक तौर पर टीका लगवाएंगे। हालांकि, उन्होंने लोगों से एक बार फिर अपील की कि वे मास्क पहनकर ही घरों से निकलें।
पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने मांग की है कि कोरोनावायरस वैक्सीन को आम लोगों के लिए वहन योग्य रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुफ्त ही रखना चाहिए। बता दें कि देवगौड़ा एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोरोना वैक्सीन पर चर्चा के लिए रखी गई ऑल पार्टी मीटिंग में शामिल रहे थे।
कोरोना वैक्सीन को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश को इस महामारी से लड़ने वाले वैक्सीन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। पीएम ने बताया कि जैसे ही वैज्ञानिक हमें आगे बढ़ने के लिए कहेंगे, हम भारत में टीकाकरण की प्रक्रिया को शुरू कर देंगे। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन श्रमिकों और गंभीर परिस्थितियों से पीड़ित बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा है कि कोविड का टीकाकरण अभियान व्यापक होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों के खिलाफ अफवाहें फैलाई जाती हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे लोगों को वैक्सीन को लेकर जागरूक करें।
कोरोना वैक्सीन को लेकर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने एक खास सॉफ्टवेयर बनाया है, Co-WiN। जिसमें आम लोग कोरोना वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और वास्तविक समय की जानकारी ले सकते हैं।
दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोविड-19 की वैक्सीन लगाने के लिए कई स्वास्थ्यकर्मियों का डेटा तैयार किया गया है। इसमें कई अन-रजिस्टर्ड क्लनिक भी शामिल हैं। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे अन्य हेल्थ केयर फैसिलिटि से कहा है कि वो अपने कर्मचारियों का नाम तथा अन्य जानकारियां जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें वैक्सीन लगाया जा सके।
कोरोना संकट को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान बताया गया कि करीब एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद दो करोड़ फ़्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। फिर 27 करोड़ सीनियर सिटीज़न को वैक्सीन दी जाएगी।
कोरोना वायरस के हालात और इसके संभावित टीके पर शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रस्तुति में कहा कि कोविड-19 का टीका विकसित होने के बाद सबसे पहले सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य दो करोड़ कर्मियों को दिया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक, भारत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की 50 करोड़ खुराक, अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स से एक अरब खुराक और और रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 10 करोड़ खुराक खरीदने वाला है। हर दो सप्ताह पर अद्यतन किए जाने वाले 'लॉन्च ऐंड स्केल स्पीडोमीटर' विश्लेषण से पता चलता है कि भारत ने तीनों टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने की पुष्टि की है। जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ छह टीके की खुराक खरीदेंगे।
कोरोना वैक्सीन को लेकर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने एक खास सॉफ्टवेयर बनाया है, Co-WiN। जिसमें आम लोग कोरोना वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और वास्तविक समय की जानकारी ले सकते हैं।
सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, वाईएसआर कांग्रेस के मिधुन रेड्डी और विजयसाई रेड्डी, बीजू जनता दल से चंद्रशेखर साहू, AIMIM से इम्तियाज जलील, शिवसेना से विनायक राउत, जेडीयू से आरसीपी सिंह, समाजवादी पार्टी से राम गोपाल यादव, बसपा से सतीश मिश्रा, राष्ट्रीय जनता जल से प्रेम चंद्र गुप्ता, टीडीपी से जय गल्ला, AAP से संजय सिंह, TRS से नाम नागेश्वर राव, लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान, अकाली दल से सुखबीर बादल के नाम शामिल हैं।
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि 'करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है। भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी। जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।'
बैठक में पीएम ने कहा कि फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार हर किसी का सुझाव ले रही है और उसके अनुसार ही आगे बढ़ रही है। वैक्सीन को लेकर किसी तरह की अफवाह ना फैले और राष्ट्रहित सबसे अधिक हो, ऐसे में राजनीतिक दलों को जागरुक होना होगा।
कोरोना वैक्सीन की कीमत पर राज्यों से चर्चा करने के पीएम मोदी के बयान से लगता है कि वैक्सीन पर सब्सिडी मिल सकती है। बता दें कि बीजेपी ने बिहार चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर एनडीए की सरकार आती है तो राज्य के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी। पीएम के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि देशभर में कोविड-19 वैक्सीन फ्री नहीं होगी बल्कि इसपर कुछ सब्सिडी दी जा सकती है। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों से वैक्सीन की कीमत पर भी चर्चा कर रही है और पब्लिक हेल्थ का सबसे ज्यादा ध्यान रखते हुए इसपर निर्णय लिया जाएगा।'
वैक्सीन को लेकर सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम ने कहा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात हुई है और टीकाकरण को लेकर सभी ने अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले मेड इन इंडिया के तहत वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों से बात हुई थी। हमारे वैज्ञानिक अपनी वैक्सीन को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। पीएम ने कहा कि अभी कुछ वैक्सीन के नाम दुनियाभर में चल रहे हैं लेकिन सबकी नजरें सबसे सस्ती वैक्सीन पर टिकी है। इस दिशा में पूरी दुनिया की नजरें भारत पर भी टिकी हैं।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, COVID-19 स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है लेकिन हम लोगों को अब तक कोई सूचना नहीं मिली। बिहार की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी हमें कोई सूचना नहीं है। यह दर्शाता है कि बैठक सिर्फ दिखावा है।
कोरोना संकट को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान बताया गया कि करीब एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद दो करोड़ फ़्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। फिर 27 करोड़ सीनियर सिटीज़न को वैक्सीन दी जाएगी।
भारत में वैक्सीन वितरण को लेकर विशेषज्ञता और क्षमता अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। टीकाकरण के क्षेत्र में हमारे पास एक बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क है। हम इसका पूरा फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा, मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपने सुझाव लिखित रूप में भेजने की अपील करता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उनपर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
पीएम ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारें टीके वितरण पर काम कर रही हैं। पीएम मोदी ने कहा, सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सुझाव दिया कि कोविड -19 वैक्सीन को पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स को।
पीएम मोदी ने वैक्सीन पर सर्वदलीय चर्चा के दौरान कहा कि 'भारत आज उन देशों में है, जहां हर रोज टेस्टिंग सबसे अधिक हो रही है..साथ ही रिकवरी रेट भी सबसे अधिक है और मौतों की संख्या कम हो रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विकसित देशों को भी काफी मुश्किल हुई है लेकिन भारत ने एक राष्ट्र के तौर पर बेहतरीन काम किया है। राजनीतिक दलों को वैक्सीन वितरण से जुड़ी किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोकना चाहिए।
दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोविड-19 की वैक्सीन लगाने के लिए कई स्वास्थ्यकर्मियों का डेटा तैयार किया गया है। इसमें कई अन-रजिस्टर्ड क्लनिक भी शामिल हैं। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे अन्य हेल्थ केयर फैसिलिटि से कहा है कि वो अपने कर्मचारियों का नाम तथा अन्य जानकारियां जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें वैक्सीन लगाया जा सके।
कोरोना से देश में मौजूदा हालात और वैक्सीन पर सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि क़रीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है। भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज़्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'सामान्य लोगों को यह वैक्सीन कैसे दिया जाएगा? या उन तक कैसे पहुंचाया जाएगा? इसे लेकर सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है। सरकार कह रही है कि जिनको जरुरत है उन्हें वैक्सीन दिया जाएगा लेकिन यह कौन तय करेगा? गरीब लोगों को वैक्सीन कैसे मिलेगा? इसपर किसी भी योजना को लेकर चर्चा नहीं की गई।
अमेरिका के 3 पूर्व प्रेसिडेंट्स ने फैसला किया है कि वे टीवी पर लाइव इवेंट में वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस कवायद का मकसद लोगों में वैक्सीन को लेकर आशंकाओं और डर को दूर करना है। दूसरी तरफ, अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति चुनी गईं कमला हैरिस ने भी साफ कर दिया है कि वे जैसे ही वैक्सीन को अप्रूवल मिलेगा, इसे जरूर लगवाएंगे। खास बात यह है कि इस मामले में अब तक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कुछ नहीं बोले हैं।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में की गई पीएम मोदी की घोषणाओं पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ आबादी के वैक्सीनेशन पर कोई रोडमैप नहीं दिया गया। देश में करोड़ों लोगों को दो वक़्त की रोटी मिलना मुश्किल है वो वैक्सीन के लिए पैसा कहां से लाएंगे। उनको वैक्सीन सब्सिडी में दी जाएगी या मुफ़्त में, इसके दिशानिर्देश नहीं दिए।
कोरोना वायरस के हालात और इसके संभावित टीके पर शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रस्तुति में कहा कि कोविड-19 का टीका विकसित होने के बाद सबसे पहले सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य दो करोड़ कर्मियों को दिया जाएगा। मंत्रालय ने इसमें कहा कि कोविड-19 का टीका सबसे पहले डॉक्टरों और नर्सों समेत करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस, सशस्त्र बल कर्मियों और निगम कर्मियों समेत अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले करीब दो करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा।
कोरोना से लड़ाई में देशवासियों की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, "भारत आज उन देशों में है जहां प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज़्यादा हो रही है, रिकवरी रेट ज़्यादा है और जहां मृत्य दर कम है। भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें साथ में वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने की योजना तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें वैज्ञानिकों की तरफ से वैक्सीन पर हामी मिल जाती है, हम इसे देना शुरू कर देंगे। पहले फेज में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को वैक्सीन लगेगी। पीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए एक स्पेशल सॉफ्टवेयर भी बनाया गया है, जो कि वैक्सीन के स्टॉक और सही समय की जानकारी देगा।
सर्वदलीय बैठक में भारत के कोरोनावायरस से लड़ाई के सफर पर पीएम मोदी ने कहा, "फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है।"
दिल्ली में पहले चरण में हर चौथे व्यक्ति को कोरोना वायरस का टीका लगेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले सरकार ने सभी प्रारंभिक तैयारियां पूरी कर ली हैं। वैक्सीन को लेकर सभी तैयारियां केंद्र सरकार के निर्देश पर की जा रही हैं। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में टीके का भंडारण किया जाएगा और मोहल्ला से लेकर पॉलीक्लीनिक तक में टीकाकरण चलेगा। पहले चरण में दिल्ली की कुल आबादी में से 20 से 25 फीसदी को टीकाकरण के लिए चयनित किया जाएगा।
कोरोनावायरस के खिलाफ सरकार की तैयारियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शुरू हो चुकी है। इसमें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ-साथ जेडीएस के नेता एचडी देवगौड़ा भी शामिल हुए हैं। बताया गया है कि पीएम इस बैठक में वैक्सीन शहरों और गांवों तक पहुंचाने की योजना पर चर्चा कर सकते हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया है कि एक बार कोरोना वैक्सीन आ जाने के बाद वे कुछ ही हफ्तों के अंतराल में इससे दिल्ली की पूरी आबादी का टीकाकरण पूरा करा सकते हैं। जैन ने बताया कि मोहल्ला क्लीनिक, पॉलिक्लीनिक, डिस्पेंसरी और हॉस्पिटल जहां भी हमें वैक्सीन मिलेगी, हम वैक्सिनेशन का काम शुरु करा देंगे। बता दें कि एक दिन पहले ही एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जताई है कि दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में भारत में किसी वैक्सीन को आपात मंजूरी मिल सकती है।
दवा कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन का पहला शॉट इस माह के मध्य या अंत तक ब्रिटिश नागरिकों को दिया जा सकता है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब किसी अंग्रेज को एक खतरनाक बीमारी की वैक्सीन का पहला शॉट दिया जा रहा हो। आज से 224 साल पहले दुनियाभर में फैली स्मॉल पॉक्स की समस्या के वक्त भी ब्रिटेन में ही इसका पहला टीका दिया गया था। पढ़ें पूरी खबर...
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 के हालात और इसके टीके पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट करेंगे कि हर भारतीय को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मुफ्त टीका कब तक लगाया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमें आशा है कि आज सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री यह स्पष्ट करेंगे कि हर भारतीय को कोरोना वायरस का मुफ्त टीका कब तक दिया जाएगा।’’
मीटिंग में मोदी के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के शामिल होने की भी उम्मीद है। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल होंगे। यह मीटिंग ऐसे समय बुलाई गई है जब दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से संसद के शीत सत्र को बजट सत्र के साथ मर्ज करने की चर्चा चल रही है।
बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीन के वितरण और इसके रखरखाव की तैयारी शुरू कर दी है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के कहे अनुसार टीका उपलब्ध कराने से पहले इसकी वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश सिंह ने बताया कि केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार टीका वितरण की तैयारी शुरू हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि पहले फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को टीका लगेगा। इसके साथ ही सभी निजी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों का डेटा तैयार कर उन्हें टीके की खुराक दी जाएगी। कोरोना से इलाज से जुड़े सरकारी कर्मचारियों को भी टीका लगाया जाएगा।
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फाइजर के टीके को ब्रिटेन में मंजूरी के साथ ही सरकार ने एक गाइडलाइन भी जारी की है। इसके मुताबिक गर्भवती या तीन महीने में गर्भधारण करने की योजना बना रही महिलाओं को यह टीका न लगवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह टीका कितना सुरक्षित है, इस बारे में अभी कोई परीक्षण नहीं हुआ है।
पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र की आयुष्मान भारत स्कीम लागू नहीं है। इस स्कीम ने कोरोनावायरस संकट के दौरान अहम भूमिका निभाई है। धनखड़ ने महामारी के दौर में तृणमूल नेताओं पर उपकरणों की खरीद-फरोख्त में अनियमितताओं का आरोप लगाया। हालांकि, तृणमूल नेताओं ने कहा कि राज्यपाल को महामारी जैसे विषयों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
कोरोनावायरस वैक्सीन की होड़ में सबसे आगे चल रही मॉडर्ना के प्रभाव पर एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि मॉडर्ना की वैक्सीन इंसानों में 3 महीने तक एंटीबॉडी बनाती है। रिसर्च में कहा गया है कि 94 फीसदी क्षमता वाली यह वैक्सीन 28 दिन के अंतराल पर दो डोज के जरिए लोगों को दी जाती है और उन्हें तीन महीने तक अच्छी प्रतिरोधक क्षमता मुहैया कराती हैं। हालांकि, एक समय के बाद अन्य वैक्सीन की तरह ही इसका प्रभाव घटने लगता है।