पहले दिन 1,65,714 लोगों को लगा कोविड वैक्सीन का टीका, 3351 सत्र में किया गया वैक्सीनेशन का कार्यक्रम
मंत्रालय ने बताया कि अब तक टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। पहले दिन 1,91,181 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया।

भारत में कोविड-19 के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का आगाज आज किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक टीकाकरण अभियान का पहला दिन सफल रहा। मंत्रालय ने बताया कि अब तक टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। पहले दिन 1,91,181 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया।
वहीं पहले दिन सेना के कुल 3,129 स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आज देश में 3351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। COVISHIELD सभी राज्यों को दिया गया है। COVAXIN को 12 राज्यों को दिया है।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा “वैक्सीनेशन निश्चित रूप से हम सब के लिए कोविड के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी के रूप में प्रस्तुत की गई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के कदम और तेजी से आगे बढ़ेंगे ये हमें निश्चित नजर आता है।” स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भरता में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले घटकर कुल पाॅजिटिव मामलों के 2% रह गए हैं। कोरोना वायरस का रिकवरी रेट अब 96.56% है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक टीकाकरण अभियान का पहला दिन सफल रहा। मंत्रालय ने बताया कि अब तक टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। पहले दिन 1,91,181 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव ने रायपुर के मेडिकल कॉलेज में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया, "यहां अच्छी तैयारी की गई है। जो व्यवस्था इन्होंने बना रखी है, वो पूरी तरह से संतोषजनक है। कार्य सही गति से चल रहा है।"
उ. प्र. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 533 संक्रमण के नए मामले और रिकवर होकर डिस्चार्ज हुए 930 नए मामले दर्ज़ किए गए। कुल एक्टिव केस 9,162 हैं। कल प्रदेश में 1,23,392 सैपल्स की जांच हुई। हम अब तक कुल मिलाकर 2,60,86,641 टेस्ट कर चुके हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा "आज वैक्सीनेशन की शुरूआत पूरे देश में हुई है। जिन लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है, उसकी सफलता को देखकर स्वाभाविक है कि लोग वैक्सीनेशन कराएंगे। हमारे देश के वैज्ञानिक 4 और वैक्सीन लगभग तैयार कर चुके हैं।" सिंह ने कहा "दुनिया के दूसरे देशों को भी जहां जरूरत होगी, हम वैक्सीन का निर्यात भी करेंगे। भारत सिर्फ अपनी चिंता करने वाला देश नहीं है। पूरा देश एक परिवार है 'वसुधैव कुटुंबकम' का संदेश हमारे देश ने दिया है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा "एक साल से ज्यादा समय से हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्व में बहुत से लोगों की जान गई। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया में अगर कोरोना के खिलाफ सबसे सफल जंग कहीं लड़ी गई है तो वो भारत के अंदर लड़ी गई है।" शाह ने कहा "आज वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो गया है। विश्व में कोविड से सबसे कम प्रतिशत मौतें भारत में हुई हैं और सबसे ज्यादा लोग ठीक होकर अपने परिवार के पास लौटे हैं।"
पीएम ने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और ‘‘दवाई भी, कड़ाई भी’’ का मंत्र दिया। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया’’ के मंत्रोच्चार के बीच रिमोट कंट्रोल से अभियान की शुरुआत की और कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है।
अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यही टीके अब भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘‘निर्णायक जीत’’ दिलाएंगे। प्रधानमंत्री ने जनता से आग्रह किया कि जिस तरह धैर्य के साथ उन्होंने कोरोना वायरस का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब टीकाकरण के समय भी दिखाना है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बताया 167 बूथ पर वैक्सीन लगाई जाएगी। लोगों के अंदर बहुत उत्साह है, आपको मैं विश्वास दिलाता हूं जिस प्रकार से हमने कोरोना का मुकाबला किया उसी ढंग से वैक्सीन का काम भी अच्छे ढंग से पूरा होगा। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये शनिवार को टीकाकरण की शुरूआत के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा स्थानीय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा ने सबसे पहले टीका लगवाया। सांसद ने इसकी जानकारी दी । शर्मा ने बताया कि यह टीका उन्होंने सांसद होने के नाते नहीं, अपितु एक डॉक्टर होने के नाते लगवाया है। उनके अनुसार उनका ग्रेटर नोएडा का अस्पताल कोविड-19 अस्पताल है, तथा उन्होंने कोरोना काल में एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों का उपचार किया है। उल्लेखनीय है कि शर्मा को कोरोना टीका का दूसरा खुराक उन्हें आगामी 15 फरवरी को दिया जायेगा ।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल में पहला टीका लगाने वाले कंपाउंडर शक्ति पांडेय वैक्सीन लेने के बाद बेहोश हो गए। जैसे ही उन्हें टीका लगा उन्हें चेस्ट पेन होने लगा और फिर वे बेहोश हो गए। हेल्थ चेकअप के बाद जब वे होश में आए तो उन्होने कहा- सब ठीक है, आप भी टीका लगवाएं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर अस्पताल का दौरा किया और जिन स्वास्थकर्मियों को टीका लगा था उनसे मुलाकात कर उनका हालचाल जाना । इस अवसर पर योगी ने कहा कि अफवाहों से बचे और टीका लगने के लिये अपनी बारी का इंतजार करें । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज का दिन उमंग और उत्साह का है। पूरे देश को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने का अवसर मिला। टीकाकरण की शुरुआत के साथ ही हम कोरोना के खिलाफ जंग में विजय की तरफ बढ़ रहे हैं।
देश भर में कोविड—19 टीकाकरण की शुरूआत के साथ ही प्रदेश में भी शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी शुरूआत की । इस दौरान रांची के सदर अस्पताल की सफाईकर्मी मरियम गुड़िया को सबसे पहले टीका लगाया गया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह टीका वैश्विक महामारी में देश के लिए वरदान साबित होगा।
पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया, जिसमें एक निजी अस्पताल की एक डॉक्टर को पहला टीका लगाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बिपाशा सेठ राज्य में टीका लगवाने वाली पहली व्यक्ति हैं। सेठ ने कहा, "यह मानव जाति के लिए बहुत बड़ा दिन है। मैं पहली खुराक पाकर बहुत खुश हूं।"
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के श्रम राज्य मंत्री निर्मल माजी ने भी कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोविशील्ड टीका लगवाया। मेडिकल कॉलेज, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कुछ निजी अस्पतालों सहित 212 केंद्रों पर सुबह 10.30 बजे टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण के राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ किया।
मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में इस महामारी से बचाव के लिये टीकाकरण अभियान शुरू किया गया और पहला टीका शनिवार को स्वास्थ्य कर्मी आशा पवार को लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी । स्वास्थ्य कर्मी ने इस दौरान बताया कि इस टीके के प्रभावों को लेकर उनके मन में कोई डर नहीं है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह टीका महामारी से लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पवार को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में कोविड-19 का टीका लगाया गया। इस दौरान प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी के साथ आला अधिकारी मौजूद थे और टीकाकरण केंद्र को गुब्बारों से सजाया गया था। टीका लगवाने के बाद पवार (55) ने अंगुलियों से "विक्टरी साइन" बनाते हुए खुशी जाहिर की। इंदौर, कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 10 महीने से जूझ रहा है।
दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LNJP अस्पताल पहुंचकर वैक्सीनेशन का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा, "आज 8,100 लोगों को वैक्सीन लगेगी। मैं सब लोगों को कहना चाहता हूं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें, एक्सपर्ट का कहना है कि कोई चिंता की बात नहीं है, वैक्सीन सुरक्षित है।"
मुंबई के कूपर अस्पताल में शनिवार सुबह टीके की खेप लेकर पहुंचे कर्मियों का स्वास्थ्यकर्मियों ने ताली बजाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। कूपर अस्पताल के स्टाफ के सदस्य आरती की थालियां और मिठाई लेकर अस्पताल के बाहर टीकाकरण अभियान के पहले लाभार्थियों का स्वागत करने के इंतजार में खड़े दिखे। यह अस्पताल महाराष्ट्र के 285 केंद्रों में से एक है जहां पर पहले चरण में टीकाकरण किया जाएगा।
यह उन केंद्रों में शामिल हैं जहां का वेबकास्ट के जरिए सीधा प्रसारण होगा। टीकाकरण शुरू होने से पहले मुंबई में नौ टीकाकरण केंद्रों के बाहर चिकित्सकों और नर्सों समेत अनेक स्वास्थ्यकर्मी एकत्रित हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सुबह सवा ग्यारह बजे बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित टीकाकरण केंद्र से राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे।
उधर, पहले चरण के टीकाकरण की शुरुआत के ऐन बाद महाराष्ट्र के घाटकोपर इलाके में BJP कार्यकर्ताओं ने कोरोना वायरस का पुतला फूंका। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।
उन्होंने आगे बताया कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हज़ार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है। हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है।
संबोधन के अंत में उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा, इसलिए हमें दवाई के साथ कड़ाई का भी पालन करना है। टीका लगने के बाद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहना होगा।
पीएम ने कहा, "टीके के बाद दूसरी डोज कब लगेगी। ये फोन पर जानकारी दी जाएगी। पीएम ने कहा कि दूसरी खुराक बहुत जरूरी है। इसे न लगवाने की भूल न करें। दूसरी डोज लगाने के दो हफ्ते बाद ही कोरोना के खिलाफ जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगने के बाद असावधानी न बरतें।" प्रधानमंत्री के मुताबिक, भारतीय वैक्सीन विदेशों की तुलना में बहुत सस्ती है। यह ऐसी तकनीक पर ऐसी बनाई गई है, जो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल है। यही देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
मोदी के मुताबिक, भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बधाई देता हूं। पीएम ने ये बातें शनिवार को दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले कहीं।
मोदी ने कहा- आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है। कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 3006 टीकाकरण केन्द्र आपस में जुडें। बता दें कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगा।
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी।
नई दिल्ली में कोरोना टास्क फोर्स के वीके पॉल और AIIMS डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया ने भी टीका लगवाया। साथ ही कुछ ऐसे डॉक्टर्स को भी वैक्सीन मिली, जो इससे जुड़ी जांच में शामिल थे।
दिल्ली में कोरोना का टीका सबसे पहले एक सफाई कर्मचारी को मिला। यह उसे AIIMS हॉस्पिटल में मिला। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन मौजूद रहे।
भारत में पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दिए जाने के साथ शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिन में साढ़े दस बजे देश में पहले चरण के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं।
राजस्थान में जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य सुधीर भंडारी को सबसे पहले टीके की खुराक दी जाएगी जबकि मध्य प्रदेश में एक अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और एक सहायक समेत अन्य लोग सबसे पहले टीका लेने वालों में शामिल होंगे। मोदी ने कहा है कि देश कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शनिवार को ‘‘निर्णायक चरण’’ में प्रवेश करेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्माण भवन परिसर में बनाए गए विशेष कोविड-19 नियंत्रण कक्ष का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणबद्ध तरीके से प्राथमिकता समूह के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) कर्मियों समेत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को इस चरण में टीके दिए जाएंगे।
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा विकसित ‘कोवैक्सीन’, दोनों टीकों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है तथा महामारी को रोकने में यह सबसे महत्वपूर्ण औजार है।
‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है।
कोविड-19 महामारी, टीकाकरण की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है। सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी।
सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। दिल्ली में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में एलएनजेपी अस्पताल में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक सफाई कर्मचारी को कोविड-19 का टीका दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में 81 केंद्रों पर कोविड-19 का टीकाकरण अभियान शुरू होगा।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में एक केंद्र से टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने बताया कि मुंबई में नौ केंद्रों पर टीकाकरण होगा। पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन शहर में 800 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराक दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों समेत कुछ अन्य लोगों को टीके की पहली खुराक दी जाएगी और अभियान के दौरान 16,000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। असम में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बताया कि 1.9 लाख स्वास्थ्यकर्मियों में से 6,500 को पहले दिन टीका लगाया जाएगा।
दुनिया में जन संख्या के लिहाज से लोगों को कोरोना वैक्सीन दिलाने में सबसे आगे इजराइल है। आंकड़ों के मुताबिक, वहां अभी तक 23.01 फीसदी लोगों को टीक लगाया जा चुका है। दूसरे नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) है, जहां 12.92 फीसदी लोग वैक्सिनेट किया जा चुके हैं। फिर बहरीन, ब्रिटेन और अमेरिका है, जहां क्रमशः 6.44%, 4.31% और 3.37 लोगों को दवा दी गई है।
इसी बीच, Union Health Ministry की ओर से कोरोना पर ताजा आंकड़े जारी किए गए हैं। 24 घंटे में भारत में संक्रमण के 15,158 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 16,977 लोग डिस्चार्ज किए गए और 175 मौतें हुईं।
Total cases: 1,05,42,841Active cases: 2,11,033 Total discharges: 1,01,79715 Death toll: 1,52,093
देश में आज 3,006 साइट पर वैक्सीनेशन किया जाएगा और हर साइट पर 100 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
कोविशील्डः जहां वैक्सीन लगेगी, वहां त्वचा का हिस्सा नरम हो सकता है। बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, ठंड और जी मचला सकता है।
कोवैक्सीनः टीका लगाए जाने वाली जगह पर दर्द के अलावा सिर, शरीर या पेट दर्द, थकान, उल्टी आना, चक्कर आना, कंपकंपी महसूस होना, पसीने छूटना और ठंड लगना। बुखार भी आ सकता है।
भारत, कोरोना का टीका चालू करने वाला 31वां देश है। हालांकि, सर्वाधिक तीन लाख वैक्सीन की शीशियों के साथ कैंपेन का आगाज करने वाला पहला मुल्क है। इसी बीच, नेपाल ने भी भारत में बनी कोविशील्ड वैक्सीन को अपने यहां अनुमति दे दी है, जिसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है। यह टीका भारत का सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है।
दवा कंपनी डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज़ ने शुक्रवार को कहा कि उसे कोरोना वायरस रोधी टीके 'स्पूतनिक वी' के तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है। हैदराबाद स्थित कंपनी ने बताया कि इस टीके का तीसरे चरण का परीक्षण 1,500 लोगों पर किया जाएगा। इस हफ्ते के शुरू में, डेटा एवं सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने टीके के दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों की समीक्षा की थी और तीसरे चरण के लिए स्वयंसेवकों को भर्ती करने की सिफारिश की थी। अपनी रिपोर्ट में डीएसएमबी ने कहा था कि टीके में किसी प्रकार की सुरक्षा चिंता का पता नहीं चला है।
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को लगभग 20 लाख हो गई। हालांकि कई देशों ने महामारी पर काबू पाने के लिए अपने यहां टीकाकरण शुरू कर दिया है लेकिन गरीब और कम विकसित देशों में टीका पहुंचने में दिक्कत है।
कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में पहली बार चीन के वुहान शहर में सामने आया था। जोन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा संकलित किए गए मृत्यु संबंधी आंकड़े ब्रसेल्स, मक्का और वियना की आबादी के बराबर हैं।
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को लगभग 20 लाख हो गई। हालांकि कई देशों ने महामारी पर काबू पाने के लिए अपने यहां टीकाकरण शुरू कर दिया है लेकिन गरीब और कम विकसित देशों में टीका पहुंचने में दिक्कत है।
कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में पहली बार चीन के वुहान शहर में सामने आया था। जोन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा संकलित किए गए मृत्यु संबंधी आंकड़े ब्रसेल्स, मक्का और वियना की आबादी के बराबर हैं।