भारत में COVID-19 केस हुए 94.62 लाख, नवंबर में मामलों में 30% कमी; पर ढाई माह में आए 44 लाख केस
इसी बीच, Serum Institute of India का दावा है कि Covishield बिल्कुल सुरक्षित है। यह प्रतिरक्षाजनक है। चेन्नई के वॉलंटियर के साथ जो हुआ, वह वैक्सीन के कारण नहीं हुआ है। सभी रेग्युलेट्री और जरूरी प्रक्रियाओं और दिशा-निर्दशों का पालन किया गया है। प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डीएसएमबी और एथिक्स कमेटी ने भी कह दिया है कि यह वैक्सीन के ट्रायल से जुड़ा मसला नहीं है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के 31,118 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 94.62 लाख से ज्यादा हो गयी और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 88,89,585 हो गयी। मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर की तुलना में नवंबर महीने में मृतकों और संक्रमितों के नये मामलों में 30 प्रतिशत की गिरावट आयी। नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 94,62,809 हो गयी। संक्रमण से 482 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,37,621 हो गयी है। सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार 482 और मरीजों की मौत हो गयी। देश में संक्रमण के कारण अब तक 1,37,621 लोग दम तोड़ चुके हैं।
अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। अक्टूबर में 18,71,498 मामलों की तुलना में नवंबर में कुल 12,78,727 मामले आए। पिछले महीने संक्रमण के कारण 15,510 लोगों की मौत हो गयी। संक्रमण से अब तक 88,89,585 लोग ठीक हो चुके हैं जिससे ठीक होने की दर 93.94 प्रतिशत हो गयी है। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। लगातार 21वें दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या पांच लाख से नीचे है। देश में 4,35,603 मरीजों का उपचार चल रहा है जो कि संक्रमण के कुल मामलों का 4.60 प्रतिशत है।
भारत में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख से ज्यादा हो गयी थी। इसके बाद 23 अगस्त को संक्रमितों की संख्या 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख हो गयी। देश में 16 सितंबर को संक्रमितों की संख्या 50 लाख हो गयी थी, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख और 29 अक्टूबर को संक्रमितों की संख्या 80 लाख से ज्यादा हो गयी थी। इसके बाद 20 नवंबर को देश में कुल संक्रमितों की संख्या 90 लाख से ज्यादा हो गयी थी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक सोमवार को 9,69,332 नमूनों की जांच की गयी और अब तक 14,13, 49,298 जांच की जा चुकी है।
देश में संक्रमण से 482 और मरीजों की मौत हो गयी । इनमें से दिल्ली में 108, महाराष्ट्र में 80, पश्चिम बंगाल में 48, हरियाणा और पंजाब में 27-27, छत्तीसगढ़ और केरल में 21-21 और गुजरात तथा राजस्थान में 20-20 मरीजों की मौत हो गयी। देश में अब तक 1,37,621 मरीजों की मौत हो चुकी है । इनमें से महाराष्ट्र में 47,151 , कर्नाटक में 11,778, तमिलनाडु में 11,712, दिल्ली में 9174, पश्चिम बंगाल में 8424, उत्तरप्रदेश में 7761, आंध्रप्रदेश में 6992 , पंजाब में 4807 और गुजरात में 3989 और मध्यप्रदेश में 3260 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 70 प्रतिशत मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे।
‘Covishield है सुरक्षित’: इसी बीच, Serum Institute of India का दावा है कि Covishield बिल्कुल सुरक्षित है। यह प्रतिरक्षाजनक है। चेन्नई के वॉलंटियर के साथ जो हुआ, वह वैक्सीन के कारण नहीं हुआ है। सभी रेग्युलेट्री और जरूरी प्रक्रियाओं और दिशा-निर्दशों का पालन किया गया है। प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डीएसएमबी और एथिक्स कमेटी ने भी कह दिया है कि यह वैक्सीन के ट्रायल से जुड़ा मसला नहीं है।
बाजारों के लिए केंद्र की मानक संचालन प्रक्रिया जारीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के रोकथाम के मद्देनजर सोमवार को बाजारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी किया। इसमें यह कहा गया है कि राशन की ऑनलाइन खरीद या घर तक पहुंचाने की सुविधा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और कम भीड़भाड़ वाले समयों में खरीदारी करने वाले लोगों को प्रोत्साहित या छूट देने पर भी विचार किया जा सकता है। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया कि निरुद्ध क्षेत्र में स्थित दुकान बंद रहेंगीं। निरुद्ध क्षेत्र में रहनेवाले दुकानमालिकों और कर्मचारियों को बाजार में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एसओपी में कहा गया है कि बाजारों में कोविड-19 रोकथाम संबंधित उपयुक्त व्यवहारों को बाजार संघ द्वारा कई कदमों से नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरह के व्यवहारों को लागू करने पर नजर रखने और सुविधाएं देने के लिए उप-समितियों का गठन किया जा सकता है। इसमें सरकारी मान्यता प्राप्त दरों पर बाजार के प्रवेश बिंदुओं पर मास्क की उपलब्धता, हाथ साफ करने के स्थान बनाने की सलाह दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि जहां स्वनियमन व्यवहार काम न करे या प्रभावी न हों, वहां मास्क नहीं पहनने या सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने पर जुर्माना की योजना के बारे में भी सोचा जा सकता है।
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