कोरोना माहमारी ने दुनियाभर में आम जनजीवन और लोगों की सामान्य गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लेकिन अब कई माह तक घरों में बंद रहने के बाद अब धीरे धीरे लोग घरों से बाहर निकलना शुरू हो गए हैं। ऐसे में कुछ सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें लेकर लोगों के मन में शंका है। ऐसे ही सवालों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने एक्सपर्ट डॉ. फहीम यूसुफ से बात की। इस दौरान डॉ. फहीम यूसुफ ने ये भी बताया कि टहलने, दौड़ने और साइक्लिंग के दौरान मास्क पहनना जरुरी है या नहीं।
बता दें कि डॉ. फहीम यूसुफ ने बताया कि टहलने, दौड़ने या साइक्लिंग करते वक्त मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि आम तौर पर यदि दो लोग एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उनमें से किसी ने भी मास्क नहीं पहना है तो अगर वह 10-15 मिनट तक एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे तो उनके संक्रमित होने की आशंका होती है लेकिन दौड़ने, टहलने या फिर साइक्लिंग करते वक्त व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आधा या एक सेकेंड ही रहता है, ऐसे में उनके संक्रमित होने की आशंका बेहद कम हैं।
डॉ. फहीम ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मास्क बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि जितने भी देशों ने अपने यहां कोरोना पर जीत हासिल की है, उन्होंने मास्क को ही अपना हथियार बनाया है। कोरोना से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका ‘टेस्ट, ट्रेस और आइसोलेट’ ही है। इसके साथ ही यदि सभी लोग मास्क पहनें तो इससे बीमारी के फैलने की आशंका बेहद कम हो जाती है।
सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत के बारे में बताते हुए डॉ फहीम ने कहा कि कोरोना हवाजनित बीमारी नहीं है लेकिन अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति एयरकंडीशनर के सामने बैठता है तो उस स्थिति में उसके मुंह से निकले ड्रॉपलेट एसी की हवा से ज्यादा दूर तक जा सकते हैं और कई लोगों को बीमार कर सकते हैं। लेकिन आमतौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कोरोना से काफी हद तक निपटा जा सकता है। बता दें कि देश में कोरोना के कुल मामले 60 लाख के पार चले गए हैं।