कोरोना के रोजाना मामलों में पिछले एक सप्ताह से लगातार कमी हो रही है। इतना ही नहीं चार दिन से सक्रिय मामले भी घट रहे हैं और साप्ताहिक पॉजिटिव रेट पिछले एक सप्ताह से लगभग स्थिर बना हुआ है। इन सभी संकेतों से ऐसा लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर पहले ही चरम पर पहुंच चुकी है और हालांकि इस दौरान रोजाना दर्ज किए गए मामले कोरोना की दूसरी लहर से कम रहे। लेकिन कोरोना के मामले फिर से बढ़ सकते हैं, हालांकि मौजूदा रुझान बताते हैं कि इसके बहुत अधिक आगे बढ़ने की संभावना नहीं है।
गुरुवार को कोरोना के करीब ढाई लाख मामले दर्ज किए गए जो एक सप्ताह पहले दर्ज किए करीब 3.47 लाख से काफी कम थे, यह कोरोना की तीसरी लहर का सबसे सर्वाधिक था। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा एक दिन में 4.14 लाख मामले दर्ज किए गए थे। यदि कोरोना के दैनिकों मामलों में इसी तरह से कमी आती है तो वे रुझान गलत साबित होंगे जिसमें कहा गया था कि तीसरी लहर के दौरान 8-10 लाख केस एक दिन में दर्ज किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं भारत का कोरोना ग्राफ भी उन देशों की तुलना में काफी अलग होगा जहां ओमिक्रोन काफी ज्यादा प्रभावी थे।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत से भी कम था जो अब लगभग 16% तक पहुंच गया है। हालांकि यह पॉजिटिविटी रेट पिछले एक सप्ताह से स्थिर है। इतना ही नहीं पिछले एक सप्ताह से रोजाना किए जा रहे टेस्ट की संख्या भी लगभग बराबर ही रही है। बीते एक दिन में 2,51,209 कोरोना के नए मामले मिले हैं। इस दौरान 627 लोगों की मौत भी हुई। साथ ही 3,47,443 मरीज स्वस्थ हुए। देश में अभी 21,05,611 सक्रिय मरीज हैं।
इसी बीच चीन के शोधकर्ताओं की एक टीम ने दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में कोरोना वायरस के नए वेरियंट NeoCov का पता लगाया है। शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए अध्ययन में कहा गया है कि यह वायरस भविष्य में खतरा पैदा कर सकता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हमें इस खोज के बारे में जानकारी है लेकिन क्या यह वायरस सच में इंसानों के लिए खतरा हो सकता है यह पता लगाने के लिए और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।