अब जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह पर विवाद, SCBA अध्यक्ष दुष्यंत दवे को बोलने से रोकने के आरोप, प्रशांत भूषण का लड़ा था केस
वर्चुअल विदाई समारोह में SCBA अध्यक्ष दुष्यंत दवे को बोलने नहीं दिया गया। इसपर दवे ने CJI को पत्र लिखा नाराजगी व्यक्त की है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश जस्टिस अरुण मिश्रा आज रिटायर हो गए। इस दौरान उनके लिए वर्चुअल विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। लेकिन इस समारोह में SCBA अध्यक्ष दुष्यंत दवे को बोलने नहीं दिया गया। इसपर दवे ने CJI को पत्र लिखा नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही दवे ने कहा है कि वह इस साल दिसंबर में अपने कार्यकाल के अंत तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में भाग नहीं लेंगे।
अदालत की अवमानना मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के तरफ से केस लड़ने वाले दुष्यंत दवे ने सीजेआई को पत्र लिखते हुए अपनी “तीव्र निराशा और निंदा” व्यक्त की है। इस पत्र को प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर शेयर किया है। पत्र में दवे ने लिखा “मुझे स्वीकार करना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय ऐसे स्तर पर आ गया है जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं। कृपया याद रखें, न्यायाधीश आते हैं और जाते हैं लेकिन बार स्थिर रहती है। हम इस महान संस्थान की वास्तविक ताकत हैं क्योंकि हम स्थायी हैं। मुझे कहना चाहिए, मैं इन घटनाओं से व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखी हूं और दिसंबर में मेरा कार्यकाल पूरा होने तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में फिर कभी भाग नहीं लूंगा।”
SCBA अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्हें समारोह में बोलने नहीं दिया गया। दवे ने कहा कि न्यायाधीशों ने आशंका जताई कि मैं कुछ अप्रिय बात कहूँगा। लेकिन मैं तो सिर्फ उनके लंबे जीवन, खुशी और आनंद” की कामना करना चाहता था। वहीं अपने विदाई भाषण में जस्टिस मिश्रा ने प्रशांत भूषण केस का जिक्र किया। हालांकि जैसे ही जस्टिस अरुण मिश्रा प्रशांत भूषण केस पर बोलना शुरू हुए, सीजेआई एसए बोबड़े ने पीछे से धीमे आवाज में कहा, ‘अच्छा बस’। इसके बाद जस्टिस मिश्रा ने बोलना बंद कर दिया।
बता दें जस्टिस मिश्रा ने बार असोसिएशन की ओर से आयोजित होने वाले विदाई समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था। बार एसोसिएशन को जस्टिस अरुण ने चिट्ठी लिखकर सूचित किया कि वो अपने लिए विदाई समारोह नहीं चाहते हैं।