‘नरेंद्र मोदी ने जयंती नटराजन को मेरे ख़िलाफ़ खड़ा किया’
अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राहुल गांधी ने आज कहा कि पूर्व पार्टी सहयोगी जयंती नटराजन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके खिलाफ खड़ा किया गया क्योंकि वह गरीबों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए संर्घष कर रहे थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां एक रैली में कहा, ‘‘एक दिन मैंने मोदी जी के बारे […]
अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राहुल गांधी ने आज कहा कि पूर्व पार्टी सहयोगी जयंती नटराजन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके खिलाफ खड़ा किया गया क्योंकि वह गरीबों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए संर्घष कर रहे थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां एक रैली में कहा, ‘‘एक दिन मैंने मोदी जी के बारे में कुछ कहा, अगले दिन उन्होंने नटराजन को खड़ा किया।’’
नटराजन के आरोपों पर राहुल गांधी की यह पहली प्रतिक्रिया हैं। नटराजन ने आरोप लगाया था कि जब वह पर्यावरण मंत्री थीं तो औद्योगिक परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी दिए जाने में राहुल हस्तक्षेप किया करते थे। नटराजन ने पिछले शनिवार को यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
राहुल ने चुनावी रैली में कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने गरीबों और आदिवासियों के लिए लड़ाई लड़ी तथा मैंने जयंती नटराजन से कहा था कि हमें पर्यावरण, गरीबों और आदिवासियों के कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। मैं गरीबों, झुग्गी झोपड़ीवासियों और कमजोर तबके के लिए संर्घष जारी रखूंगा।’’
यह आरोप लगाते हुए कि प्रधानमंत्री अपने ‘‘उद्योगपति मित्रों’’ को सिर्फ लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं, राहुल ने कहा कि वह समाज के गरीबों और कमजोर तबकों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के लिए।
नटराजन ने पिछले शनिवार को यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था कि पर्यावरण मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान औद्योगिक परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी न दिए जाने के कारण उनका ‘‘तिरस्कार’’ किया गया, जबकि ऐसा उन्होंने राहुल गांधी से संवादों के परिप्रेक्ष्य में किया था।
कुछ महीने पहले उन्होंने सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था और आरोप लगाया था कि उन्हें राहुल गांधी से पर्यावरण मंजूरी पर खास निर्देश मिले थे तथा अंतत: बड़ी परियोजनाएं खारिज कर दी गईं। इस रुख पर वह इस्तीफे की घोषणा करने के समय भी कायम रहीं।
उनकी टिप्पणियों को लेकर भाजपा ने राहुल पर सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोला था।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में ज्यादातर भ्रष्टाचार भूमि से जुड़ा है और दावा किया कि दूसरों ने सिर्फ समस्या की बात की जबकि कांग्रेस ने इस पर रोक लगाने के उपाय किये।
केन्द्र में और साथ ही दिल्ली में कांग्रेस सरकारों द्वारा किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरटीआई कानून और मनरेगा का जिक्र किया और साथ ही दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने दिल्ली की तस्वीर बदली है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने हालांकि यह स्वीकार किया कि कमियां हैं जिन्हें पार्टी को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 55 लाख लोगों को मालिकाना हक दिया लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। मैं चाहता हैं कि आने वाले समय में कांग्रेस द्वारा दिल्ली में हर किसी को छत का अधिकार दिया जाये। ऐसा कोई न रहे जिसके सर के ऊपर कंक्रीट की छत न न हो। हम यह सपना देखते हैं और मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो हम पूरी दिल्ली को मालिकाना हक प्रदान करेंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस का मुख्यमंत्री हुआ तो एक सप्ताह के अंदर वह ठेका मजदूरी पर रोक लगायेंगी और छह महीने के अंदर इसे स्थायी किया जायेगा।
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