देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने वालों की खुल गई पोल, सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया, कहा- आनन फानन में बन रहे कानून
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और टीवी चैनलों की रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व प्रमुख पार्थो दासगुप्ता की लीक वॉट्सऐप चैट पर पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने बैठक में केंद्र सरकार को भी घेरा और कहा कि किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
वॉट्सऐप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया। जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।’’ उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।
‘किसानों से बातचीत के नाम पर सरकार दिखा रही अहंकार’: कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एक हफ्ते बाद संसद सत्र शुरू होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।’’ केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।’’
CWC की बैठक में हो सकता है अगले अध्यक्ष पर चर्चा: कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडल्यूसी) की बैठक में आज नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है। इस बैठक में अध्यक्ष के चुनाव को हरी झंडी दी जा सकती है और चुनाव तिथि का ऐलान भी हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग फिर उठाई।