भारत में लोकतंत्र को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) की टिप्पणी पर बीजेपी हमलावर है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुरुवार को संसद पहुंचे और उन्होंने कहा कि अगर अनुमति दी गई तो वह सदन में बोलेंगे। संसद से बाहर निकलते समय राहुल ने कि अगर वे मुझे संसद में बोलने की अनुमति देते हैं तो मैं वही कहूंगा जो मुझे लगता है।” सरकार ने लंदन में की गई उनकी टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की है।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “सुबह मैं संसद गया और अध्यक्ष (लोकसभा) से बात की कि मैं बोलना चाहता हूं। सरकार के चार मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए थे इसलिए मुझे सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है। मुझे उम्मीद है कि मुझे कल संसद में बोलने दिया जाएगा। कुछ दिन पहले मैंने मोदीजी और अडानीजी पर सवाल उठाते हुए सदन में भाषण दिया था, वह भाषण हटा दिया गया था। भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे सार्वजनिक रिकॉर्ड से निकाला जाए।”
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं संसद के अंदर बोलूंगा तो यह भाजपा को पसंद नहीं आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें अनुमति नहीं दी गई तो वह संसद के बाहर बोलेंगे। इस बीच कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन परिसर के भीतर एक मानव श्रृंखला बनाई।
मानव श्रृंखला बनाने का निर्णय राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। डीएमके, एनसीपी, एसपी, आरजेडी, बीआरएस, सीपीआईएम, सीपीआई, जेडीयू, शिवसेना (UBT), जेएमएम, एमडीएमके, AAP, वीसीके और आईयूएमएल के नेताओं ने बैठक में भाग लिया। TMC ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
वहीं विपक्ष लगातार अडानी मुद्दे पर हंगामा कर रहा है। अडानी शेयरों के मुद्दे पर विपक्ष JPC जांच की मांग कर रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमारा मकसद है कि अडानी मामले की जेपीसी जांच के संबंध में चर्चा होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि जेपीसी बने, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं। सरकार सुन नहीं रही है, सरकार के मंत्री और बीजेपी सांसद सदन को बंद करने के लिए हंगामा कर रहे हैं।”