कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद की सदस्यता शुक्रवार (24 मार्च) को रद्द कर दी गई। इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस ने मीटिंग बुलाई थी। दिल्ली में AICC मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता और CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्षों, CLP नेताओं सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।
कांग्रेस मुख्यालय पर नेताओं की बैठक
राहुल गांधी की सांसद के रूप में अयोग्यता और अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की पार्टी की मांग को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस नेताओं ने बैठक की। इस बैठक में 40 सदस्य मौजूद रहे और बाकी के सदस्य वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जुड़े। कांग्रेस की इस इमरजेंसी बैठक में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहे। इस मीटिंग में केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और पवन कुमार बंसल भी उपस्थित थे।
मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे- जयराम रमेश
कांग्रेस की बैठक के बाद जयराम रमेश ने कहा कि पूरे देश में जाकर कहूंगा कि मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए राहुल गांधी को जानबूझकर अयोग्य घोषित किया गया। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख ने बैठक के बारे में बताते हुए कहा, “हम राहुल गांधी के मुद्दे देशभर में लेकर जाएंगे। हम मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी परेशान है।” वहीं, बैठक में आगे की रणनीति और संगठन पर चर्चा हुई। जयराम रमेश ने कहा कि राहुल को निशाना बनाया जा रहा है।
जन आंदोलन के रूप में आगे ले जाएंगे- कांग्रेस
जयराम रमेश ने कहा, “हम इसको एक जन आंदोलन के रूप में आगे ले जाएंगे। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के साथ राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर जन चेतना कार्यक्रम, संविधान बचाओ कार्यक्रम अभियान चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम सोमवार से शुरु होगा।” वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर ‘डरो मत’ कैंपेन शुरू किया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से इस्तेमाल किया जा रहा है।
जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस पार्टी देश भर में यह मुद्दा लेकर जाएगी कि राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता जानबूझकर खत्म की गई है। इसके तीन प्रमुख कारण हैं: राहुल जी ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई। भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से BJP घबराई हुई है। राहुल जी अडानी घोटाले पर बोल रहे हैं।”