56 छोड़ो, हम 1 इंच भी पीछे नहीं हटेंगे, राहुल गांधी बोले- कृषि कानून तो वापस लेने पड़ेंगे
राहुल गांधी कृषि कानून को लेकर पिछले काफी समय से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं।

पिछले 3 महीने से भी अधिक समय से देशभर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कृषि कानून तो वापस लेने ही पड़ेंगे।
राहुल गांधी कृषि कानून को लेकर पिछले काफी समय से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं। शनिवार को एक बार फिर से उन्होंने ट्वीट करते हुए भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कृषि विरोधी सरकार को तीनों क़ानून वापस लेने ही होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि 56 छोड़ो, हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे!
कृषि विरोधी सरकार को तीनों क़ानून वापस लेने ही होंगे।
56 छोड़ो, हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे!
#MyFarmer_MyPride— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 20, 2021
ट्विटर के अलावा राहुल गांधी चुनावी रैलियों में भी कृषि कानून और किसान आंदोलन को लेकर भाजपा सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं। पिछले दिनों राहुल गांधी ने असम में आयोजित एक चुनावी रैली में कहा था कि सरकार ने तीन नए कृषि कानून लाए हैं। इन कानूनों से देश की मंडियां ख़त्म हो जाएंगी, जमाखोरी बढ़ेगी और किसान अपने फसल के दाम को लेकर कोर्ट भी नहीं जा पाएंगे। इसलिए लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं लेकिन नरेंद्र मोदी उन किसानों को आतंकवादी कह रहे हैं। जबकि किसान कह रहा है कि जो हमारा है वो आप हमसे नहीं छीन सकते हैं।
साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में किसानों की हुई मौत को लेकर भी ट्वीट किया था। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा था कि शहीद हुए अन्नदाताओं के लिए मेरा 2 मिनट का मौन भाजपा को स्वीकार नहीं। अपने किसान-मजदूर भाइयों के बलिदान को मैं बार-बार श्रद्धांजलि दूंगा। जो मेरे मौन से डरते हैं, मैं उनसे नहीं डरता!
बता दें कि 26 मार्च को किसान आंदोलन के चार महीने पूरे हो जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। साथ ही 28 मार्च को होलिका दहन के दिन पूरे भारत में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएगी।