कांग्रेस ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के कारण 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान बताया। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा और भाजपा से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे। गौरव वल्लभ ने कहा कि अमीरों के लिए टैक्स में कटौती से लघु और मध्यम अवधि दोनों में उच्च आय असमानता होती है। इसके विपरीत ऐसे सुधार आर्थिक विकास या बेरोजगारी को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करते हैं।
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने केंद्र सरकार से पूछा कि सरकार के लिए ज्यादा जरूरी क्या है कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की वजह से दो वर्षों में 1 लाख 84 हजार करोड़ रुपये का नेगटिव रेवेन्यू लेना या फिर मनरेगा के बजट को 2.26 गुना बढ़ाना जो वर्तमान में 73 हजार करोड़ रुपये है?
गौरव वल्लभ ने दूसरा सवाल पूछा कि इस तरह की दरों में कटौती कॉरपोरेट्स तक ही सीमित क्यों है? मध्यम वर्ग पर 30% की आयकर दर (वह भी बिना खर्चे निर्धारित किए) और कॉरपोरेट्स पर 15% या 22% ही कर क्यों लगाया जाता है?
गौरव वल्लभ ने तीसरा सवाल पूछा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद एक नया रिकॉर्ड भी बना जब वित्त वर्ष 2021 में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन (4,57,719) इनकम टैक्स (₹4,87,144 करोड़) से नीचे आ गया। वित्त वर्ष 2022 के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से ₹1 लाख करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हो सकता है, जो प्रति परिवार 20,000 रुपए प्रति वर्ष 20% सबसे गरीब परिवारों को देने के लिए महत्वपूर्ण है। अधिक महत्वपूर्ण क्या है?
गौरव वल्लभ ने चौथा सवाल पूछा कि मध्यम और निम्न-आय वाले समूहों को दी जाने वाली कर कटौती से खपत में वृद्धि होती है और परिणामस्वरूप रोजगार मिलता है। ऐसा क्यों नहीं किया जाता है? “सूट-बूट सरकार” मध्यम और निम्न-आय वर्ग से नफरत क्यों करती है?
गौरव वल्लभ ने पांचवा सवाल पूछा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का यह फैसला पीएम के ‘हाउडी मोदी’ इवेंट से ठीक पहले (2 दिन पहले) क्यों लिया गया? क्या अमेरिका जाने के लिए यह अनिवार्य शर्त थी? गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रति वर्ष करीब 92 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है और 2022 में यह और बढ़ने की संभावना है।