राजस्थान में कांग्रेस विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाये हुए हैं। यह हाल उस समय है जब राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। ऐसे में 4 दिन में 4 कांग्रेसी विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बयान दिया है। इस स्थिति के बीच दिग्गज कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक ट्वीट में तमाशा और तांडव की बात की है।
तमाशा और तांडव का कनेक्शन: दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वहां शिवलिंग मिला है। इसपर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे को लेकर देश में एक नया तमाशा शुरू करने का आरोप लगाया था। उन्होंने भाजपा को लेकर कहा था, “अब वो वाराणसी में नया तमाशा करेंगे, इसकी शुरुआत न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर भी हो गई है।”
वहीं अब राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायक के बागी तेवर को देखते हुए आचार्य प्रमोद ने अपने ट्वीट में लिखा है, “शिवलिंग को “तमाशा” बताओगे तो “ताण्डव” तो होगा प्रभु।” इस ट्वीट में उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना को टैग किया है। माना जा रहा है कि आचार्य प्रमोद ने अशोक गहलोत के पुराने बयान और राजस्थान में बनी ताजा राजनीतिक स्थिति को लेकर तंज कसा है।

बता दें कि आगामी 10 जून को 15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा सांसदों का चुनाव होना है। इसमें राजस्थान में भी चार राज्यसभा सदस्यों के लिए मतदान होगा। इस चुनाव से पहले राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने अपने बागी तेवर दिखाते हुए एक ट्वीट कर राजनीतिक हलचल मचा दी।
उन्होंने लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरा आपसे व्यक्तिगत अुरोध है कि मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं।”
इसके अलावा कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके डूंगरपुर के विधायक और युवक कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा, राजेंद्र विधूडी और प्रतापगढ़ के विधायक रामलाल मीणा का भी नाम बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं में शामिल हैं। बता दें इन नेताओं की बयानबाजी पार्टी को राज्यसभा चुनाव के बीच असहज कर रही है।
बता दें कि राजस्थान में भाजपा के राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा होने जा रहा है।