कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर गुरुवार (28 नवंबर, 2019) को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र को खत्म करने का ”बेशर्मी” से प्रयास किया गया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर काम किया। संसद भवन परिसर में पार्टी संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हर प्रयास किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और ‘मोदी-शाह सरकार’ पूरी तरह बेनकाब हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रयासों को विफल करने के लिए तीनों पार्टियां एकजुट हैं। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम छह बजे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के कुछ नेता भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। राज्य में तीनों पार्टियां मिलकर नयी सरकार बना रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने PSU बेचे जाने पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होने कहा कि सरकार पीएम मोदी को दोस्तों को पीएसयू बेच रही है। बता दें कि भारत सरकार द्वारा नियंत्रित और संचालित उद्यमों और उपक्रमों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या पीएसयू कहा जाता है। केंद्र या किसी राज्य सरकार के आधिपत्य वाले सार्वजनिक उपक्रम में सरकारी पूंजी की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत या इससे अधिक होती है।
सोनिया गांधी ने इसी बीच लोकसभा भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान की भी खूब निंदा की। प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया। इसपर कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी पार्टी ने वो सबकुछ कहा जो इस मुद्दे पर कहा जाना चाहिेए था।
बता दें कि सोनिया गांधी के अलावा राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा और आप के संजय सिंह ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे के बारे में दिए विवादित बयान के मामले को उच्च सदन में उठाने की सभापति से अनुमति मांगते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार झा और सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को लोकसभा में ठाकुर द्वारा देशभक्त बताने पर नियम 267 के तहत राज्यसभा के सभापति को भेजे नोटिस में सदन की पूर्वनिर्धारित कार्यवाही को स्थगित कर सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार माकपा के राज्यसभा सदस्य केके रागेश ने भी नियम 267 के तहत सभापति को नोटिस देकर बीएसएनएल के कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा सदन में उठाने की मांग की है।
इसी बीच भाजपा ने लोकसभा में अपनी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विवादास्पद बयान की आज निंदा की और उन्हें रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाए जाने की सिफारिश की। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा, लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करती है, पार्टी ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती। नड्डा ने ठाकुर को रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाए जाने की भी सिफारिश की। ठाकुर संसद सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। (भाषा इनपुट)
