कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव को लेकर हाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया है। बताया गया है कि इसमें अधिकतर नेताओं का मानना था कि उनके आने से कांग्रेस को फायदा होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व फिलहाल 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए खुद को तैयार करने के लिए किशोर के ‘प्लान ऑफ एक्शन’ पर चर्चा में जुटी है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने 22 जुलाई को यह बैठक बुलाई थी और इसका मुख्य एजेंडा पार्टी में शामिल होने की स्थिति में प्रशांत किशोर को दी जाने वाली भूमिका और इससे पार्टी को होने वाले हानि-लाभ पर चर्चा करना था। बताया गया है कि इस बैठक में जिस ब्लूप्रिंट पर चर्चा हुई, वह प्रशांत किशोर ने इसी महीने की शुरुआत में गांधी परिवार को दिया था। किशोर इसी महीने की 13 तारीख को राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा से मिले थे, जबकि सोनिया गांधी से उनकी पहले मुलाकात हुई थी।
राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ, अंबिका सोनी, हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेता शामिल हुए। हालांकि, ज्यादातर नेता इस बैठक को लेकर चुप्पी साधे रहे। एक नेता ने कहा कि प्रशांत किशोर कांग्रेस की चुनावी रणनीति, समन्वय, प्रबंधन और गठबंधन से जुड़े मामलों में सक्रिय तौर पर शामिल होना चाहते हैं। एक अन्य नेता ने बताया कि कांग्रेस को दोबारा जिंदा करने के लिए काफी लंबी सफाई की लिस्ट दी गई है और किशोर अब आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। मीटिंग में इस पर और पार्टी को आगे ले जाने पर चर्चा हुई।
इस बैठक से अवगत एक सूत्र ने बताया कि किशोर ने पार्टी को एक एम्पावर्ड ग्रुप (सशक्त समूह) बनाने का सुझाव दिया, जो कि सभी फैसले लेगा और राज्य और जिला कमेटियों को मजबूत बनाने का काम करेगा। इस नेता ने कहा कि पार्टी पहले ही इनमें से कई काम कर रही है। मीटिंग का हिस्सा रहे एक अन्य नेता ने बताया कि किशोर का पूरा प्रस्ताव उन्हें नहीं दिया गया, बल्कि उन्हें सिर्फ कुछ बुलेट पॉइंट्स ही मिले।
जहां कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव है। हालांकि प्रशांत किशोर की ओर से कुछ नहीं कहा गया है और और कांग्रेस ने भी इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘प्रशांत किशोर पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना राष्ट्रीय स्तर पर कोई भाजपा विरोधी मोर्चा नहीं बन सकता। अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो इससे पार्टी को फायदा होगा। ऐसी स्थिति में उनकी भूमिका क्या होगी, इस बारे में फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है।’’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वह अब चुनावी रणनीतिकार की भूमिका से मुक्त होंगे। इसके बाद से ही उनके एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में कदम रखने की संभावना जताई जा रही है। वह कुछ साल पहले जनता दल (यू) में शामिल हुए थे, हालांकि बाद में उनको अलग होना पड़ा।