छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांगे्रस ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड से हेलिकाप्टर खरीद में नियमों का पालन नहीं किया है। हालांकि राज्य सरकार ने आरोपों को निराधार और तथ्यों से परे बताया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगस्ता वेस्टलैंड से हेलिकाप्टर खरीद मामले में राज्य सरकार ने टेंडर प्रक्रिया और भंडारण नियम का पालन नहीं किया है। बघेल ने आरोप लगाया कि एक ही कंपनी को और उस कंपनी के एजंट (दलाल) को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया है। जिस हेलिकाप्टर को झारखंड सरकार ने 55.91 लाख डालर में खरीदा था, वही हेलिकाप्टर को छत्तीसगढ़ सरकार ने 65.79 लाख डालर में खरीदा। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने इसके लिए 9.79 लाख डालर का ज्यादा भुगतान किया। इसमें करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगस्ता वेस्टलैंड से हेलिकाप्टर खरीद मामले में सीएजी ने साल 2011 में जो रिपोर्ट विधानसभा में पेश किया है उसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हेलिकाप्टर खरीद में टेंडर प्रक्रिया और भंडारण नियम का पालन नहीं किया गया है। बघेल ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में यह मामला सामने आया कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार और सरकार में शामिल अफसरों ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ऐन-केन-प्रकारेण हेलिकाप्टर खरीद के लिए तरह-तरह की तिकड़में की।
इसके लिए पहले तो सरकार ने ग्लोबल टेंडर बुलाने के बजाए सीधे अगस्ता वेस्टलैंड, इटली से ही हेलिकाप्टर खरीद का फैसला ले लिया और फिर जब बात नहीं बनी तब अगस्ता वेस्टलैंड, इटली के ही खास माडल का ग्लोबल टेंडर बुला कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया, जिससे पहले बिना टेंडर के खरीद का फैसला लिया गया था। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनवरी 2007 में एक नया पावर हेलिकाप्टर खरीद का अनुमोदन करते हुए इसके लिए एक कमेटी बनाई थी। मुख्यमंत्री के अधीन विभागों वित्त, नागर विमानन के सचिव के साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की कमेटी हेलिकाप्टर खरीद के लिए बनी थी।
कांंग्रेस नेता ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले की जांच करवाए। उन्होंने कहा कि एक विशेष माडल के हेलिकाप्टर को खरीदने के लिए और एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। इधर राज्य के वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि हेलीकाप्टर खरीद में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकासमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि महालेखाकार की ओर से उठाए गए आडिट को छत्तीसगढ़ विधानसभा की लोक लेखा समिति में विचार कर तथ्यों का परीक्षण किया गया था। राज्य शासन की ओर से इस आडिट का तथ्यात्मक जवाब महालेखाकार को सौंप दिया गया था।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हेलिकाप्टर खरीदी के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। कमेटी ने खरीद से पहले तीन हेलिकाप्टर निर्माता कंपनियों बेल, यूरो-काप्टर और अगस्ता ए-109 हेलीकाप्टर के विशिष्टता (स्पेशिफिकेशन) का परीक्षण किया। छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थिति, मौसम, सुरक्षा और नाईट लेडिंग की सुविधा को देखते हुए जनवरी 2007 में अगस्ता ए-109 हेलिकाप्टर टेंडर के माध्यम से खरीदने का फैसला लिया था, जबकि इसके पहले साल 2002 में कांग्रेस की सरकार ने भी हेलिकाप्टर का चयन पहले किया फिर बिना टेंडर के यूरो काप्टर-ईसी-135 खरीदा था। चंद्राकर ने कहा कि इस मामले को उठाना केवल राजनीति से प्रेरित है। केंद्र में कांग्रेस पर हेलिकाप्टर खरीद में गंभीर आरोप लग रहे हैं, उससे ध्यान भटकाने के लिए यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।