भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक से वॉक आउट किया था। कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति को सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन पर चर्चा करनी थी। हालांकि, भाजपा सांसदों ने दावा किया कि संसद सत्र के दौरान समिति की बैठक नहीं हो सकती है।
गौरतलब है कि वॉक आउट से कुछ घंटे पहले, नए केंद्रीय पर्यावरण और श्रम मंत्री, भूपेंद्र यादव ने आईटी पैनल में शामिल सभी भाजपा सांसदों की एक अनौपचारिक बैठक बुलाई थी। द हिंदू अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में गलती से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसद पीआर नटराजन को भी निमंत्रण मिला था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता ने बताया, “लगभग 1 बजे मेरे पास भूपेंद्र यादव के कार्यालय से फोन आया कि मंत्री जी मिलना चाहते हैं। मुझे आश्चर्य हुआ, क्योंकि मैंने उनसे मिलने का समय नहीं मांगा था। मैंने उस व्यक्ति को बताया जिसने मुझे फोन किया लेकिन उसने जोर देकर कहा कि मैं दोपहर 2 बजे मंत्री से मिलने आऊं। ”
दोपहर 2 बजे जब नटराजन कार्यालय पहुंचे तो यादव उन्हें देखकर हैरान रह गए। नेता ने बताया, “उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप आईटी कमेटी के सदस्य हैं? मैंने कहा हां, फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं किस पार्टी से हूं। जब मैंने उनसे कहा कि मैं सीपीआई (एम) से हूं, तो उन्होंने माफी मांगी और कहा कि यह केवल भाजपा सदस्यों के लिए एक बैठक थी। ” तब भाजपा सांसदों ने कहा कि वे बैठक का बहिष्कार करेंगे।
बीजेपी ने कहा, “मीटिंग का एजेंडा हमें पहले से बताया नहीं गया और वह भी उस समय जब राज्यसभा और लोकसभा में सत्र चल रहा है … इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार किया है और हम लोकसभा अध्यक्ष के पास जा रहे हैं।”
पार्टी नेता निशिकांत दुबे ने बताया कि सांसद बुधवार की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे, जब पैनल पेगासस स्पाइवेयर आरोपों पर चर्चा करेगा। बता दें कि इस समिति ने गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को तलब किया है।
भाजपा सांसदों के बाहर जाने के बावजूद बैठक हुई थी। इसमें अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन और सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के बारे में पैनल से बात की थी।