सुब्रमण्यम स्वामी ने अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों का जिक्र कर पीएम नरेंद्र मोदी पर फिर से तंज कसा है। उनका कहना है कि चीन की पहल पर ईरान और सऊदी अरब एक साथ आ चुके हैं। ये 21वीं सदी की सबसे बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि भारत खुद के सेफ रखने के लिए कोई कदम उठाएगा भी या नहीं। उनका मशविरा है कि भारत को इजरायल और अमेरिका के साथ मिलकर कोई मजबूत फ्रंट तैयार करना चाहिए। उन्होंने पंचतंत्र की कहानी के चमगादड़ से पीएम मोदी तुलना करते हुए कहा कि क्या वो कुछ करेंगे या फिर कहेंगे कि कुछ हुआ ही नहीं है।
स्वामी ने कहा कि सऊदी अरब प्लस ईरान प्लस चीन प्लस रसिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा तानाशाही का प्लेटफार्म बन गया है। इन सभी देशों ने मिलकर यूएई, कतर और तुर्की पर दबाव बना दिया है कि वो भी उनके साथ आएं। हार्वर्ड के प्रोफेसर हांटिंगटन का जिक्र कर उन्होंने कहा कि एक बड़े संघर्ष की प्रबल संभावना बन पड़ी है। स्वामी ने मोदी के सलाहकारों को ताना मारते हुए कहा कि हमारे वेटर सोए पड़े हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी को 2009 में बीजेपी में शामिल करने का फैसला खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। उन्हें राज्यसभा भेजा गया था। स्वामी के तेवर बीजेपी में आने के कुछ समय बाद तक सामान्य रहे लेकिन उसके बाद वो गाहे बगाहे सरकार की आलोचना करने लगे। सरकार को उनकी ये बात नागवार गुजरी। पीएम मोदी से उनकी तल्खी इस कदर बढ़ चुकी है कि स्वामी उन पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते।
चीन ने लद्दाख में जब घुसपैठ की तो स्वामी ही थे जो कह रहे थे कि पीएलए हमारी धरती पर घुस आई है। अलबत्ता पीएम मोदी राग अलाप रहे हैं कि कहीं कुछ नहीं हुआ। न कोई आया और न ही गया। उनका कहना था कि सरकार चीन से पंगा लेने में डर रही है। उसके बाद उन्होंने ये बात भी कई बार कही कि पीएमओ उन्हें लगातार ट्रोल करवा रहा है। इन सारे आरोपों प्रत्यारोपों के बीच स्वामी को बीजेपी ने राज्यसभा का टर्म नहीं दिया। यहां तक कि उनके सरकारी आवास को भी वापस ले लिया गया। फिलहाल स्वामी के तेवर फिर से तीखे हैं।