कोरोना टीकाकरणः क्या है Co-WIN, जो शुरुआत में सिर्फ केंद्र, राज्य सरकार के कर्मचारियों तक रहेगा सीमित? जानिए
Co-WIN प्लेटफॉर्म को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से तैयार किया गया है और इससे वैक्सीन के स्टॉक से लेकर, उन्हें रखे गए तापमान और इन्हें पाने वाले लाभार्थियों को अपने वैक्सीन पाने की जानकारी मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी (शनिवार) को सुबह 10.30 बजे देशभर में वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद सभी 3006 टीकाकरण केंद्रों में लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगी। इसी दिन सरकार कोरोनावायरस वैक्सीन की ट्रैकिंग और टीके को पाने वाले लोगों की जानकारी पाने के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म- Co-WIN को भी लॉन्च कर सकती है। हालांकि, जानकारी के मुताबिक शुरुआत में को-विन ऐप का इस्तेमाल सीमित आधार पर ही होगा और इसे केंद्र और राज्य सरकार के कुछ कर्मी ही कर पाएंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि Co-WIN प्लेटफॉर्म सरकार के टीकाकरण अभियान की योजना बनाने, उसे लागू करने और निगरानी करने के लिए अहम है। इसे शुरुआत में कुछ ही लोगों को दिया जाएगा। इनमें स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल होंगे, जिससे वे ऐप पर अपने बारे में डेटा फीड करेंगे और अपने वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। बताया गया है कि प्लेटफॉर्म पर पहले ही एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों की जानकारी डाली जा चुकी है। इसके बाद अगले एक महीने में को-विन ऐप आम जनता के लिए मोबाइल ऐप और ऑनलाइन वेबसाइट के तौर पर उपलब्ध होगी।
बता दें कि सरकार ने वैक्सिनेशन के पहले फेज को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए तय किया है। इसके बाद कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण होना है। इनमें पुलिस से लेकर एंबुलेंस और आपात सेवाओं में शामिल लोगों को वैक्सीन मिलेगी।
एक दिन पहले ही पीएमओ ने 16 जनवरी के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी थी। बताया गया था कि पहले फेज में हर वैक्सीनेशन साइट पर एक सत्र में 100 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कोरोनावायरस महामारी से जुड़े सवालों के जवाब के लिए 24*7 कॉल सेंटर (नंबर- 1075) लॉन्च करेंगे। साथ ही वैक्सीन रोलआउट की जानकारी देने वाले Co-WIN प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने की बात भी कही गई थी। बता दें कि इस प्लेटफॉर्म को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से तैयार किया गया है और इससे वैक्सीन के स्टॉक से लेकर, उन्हें रखे गए तापमान और इन्हें पाने वाले लाभार्थियों को अपने वैक्सीन पाने की जानकारी मिलेगी।