टूलकिट केस: दिशा रवि को मिली जमानत, भरना होगा 1 लाख रुपए का मुचलका
बेल मिलने के साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को एक लाख रूपये का मुचलका भी भरना होगा।

टूलकिट मामले में गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। आज शाम में दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गयी हथी। दिशा को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। बेल मिलने के साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को एक लाख रूपये का मुचलका भी भरना होगा।
कल सोमवार को अदालत ने दिशा रवि को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। हालाँकि दिल्ली पुलिस ने अदालत से पांच दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी। लेकिन एक दिन की पुलिस कस्टडी के बाद जब दिशा रवि को अदालत में पेश किया गया तो उसकी जमानत अर्जी मंज़ूर कर ली गयी। कोर्ट ने दिशा रवि को एक लाख रूपये के मुचलके के शर्त पर जमानत दी है। हालाँकि कोर्ट में दिशा के वकील ने न्यायाधीश से मुचलके को माफ़ करने की भी मांग की। अदालत ने जमानत देते हुए कहा कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इसके अलावा न्यायाधीश ने कहा कि अल्प एवं अधूरे साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए मुझे 22 वर्षीय लड़की के लिए जमानत न देने का कोई ठोस कारण नहीं मिला जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
इस मामले में दो अन्य आरोपी निकिता जैकब और शांतनु को पहले से ही कोर्ट ने बेल दे दिया है। शांतनु को कोर्ट ने 10 दिन का ट्रांजिट बेल दिया है जबकि निकिता जैकब को हाईकोर्ट से ही ट्रांजिट बेल मिला हुआ है। टूलकिट मामले में 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 14 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने टूलकिट मामले में आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में देश में अशांति पैदा करने और हिंसा फैलाने की एक वैश्विक साजिश में टूलकिट को इस्तेमाल किया जाना था। दिल्ली पुलिस का दावा था इस टूलकिट के पीछे खालिस्तानी संगठनों का भी हाथ था। इस टूलकिट को तैयार करने के लिए 17 और 18 जनवरी को मीटिंग भी की गयी थी।
दिल्ली पुलिस ने यह दावा किया था कि टूलकिट को लेकर हुई ऑनलाइन मीटिंग में एमओ धालीवाल भी शामिल था। जो कनाडा के खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़ा हुआ है और किसान आंदोलन की आड़ में देश का माहौल ख़राब करना चाहता है।