Ramnath Goenka Journalism Awards: कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन का काफी प्रभावित किया। पिछले तीन साल से लोगों का जीवन किसी हद तक ठहर सा गया है। कोरोना महामारी के बाद पहली बार आज यानी बुधवार को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड्स का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 2019 और 2020 के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। नई दिल्ली में आयोजित इस समारोह में इस बार मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ मुख्य अतिथि होंगे। इससे पहले मुख्य अतिथियों में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू शामिल थे। बता दें कि 2019 के पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा कर दी गई था लेकिन कोरोना महामारी के कारण उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित नहीं किया जा सका। इस बार कुल मिलाकर दो वर्षों के 43 विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
इन रिपोर्ट्स को किया गया शामिल
रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड्स के लिए कोरोना महामारी के बाद बदले हालात, बेरोजगारी, अफवाहों और असूचित मौतों अलावा अन्य रिपोर्ट्स को भी शामिल किया गया था। पुरस्कार विजेता कहानियों में साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, एथलीटों के यौन उत्पीड़न और हाथरस गैंगरेप मामले के बाद की रिपोर्ट भी शामिल हैं। बता दें कि रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड्स को पत्रकारिता का प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। हर यह पुरस्कार प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक, डिजिटल, खोजी, राजनीतिक और खेल पत्रकारिता, किताबों, फीचर लेखन और क्षेत्रीय भाषा को कवर के लिए दिया जाता है।
ज्यूरी में कौन-कौन शामिल
पत्रकारिता पुरस्कारों के लिए निर्णायक मंडल में जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण (सेवानिवृत्त); प्रो (डॉ) सी राजकुमार, संस्थापक कुलपति और डीन, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, डॉ एस वाई कुरैशी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और केजी सुरेश, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय शामिल रहे।
डॉ एस वाई कुरैशी ने कहा कि इस बात पुरस्कार के लिए एक से बढ़कर एक कहानियां सामने आई थीं। उन्होंने कहा कि मैं ऐसी कहानियों को पसंद करता हूं जो सामाजिक मुद्दों को सामने लाती हैं। कोई भी रिपोर्ट तभी पुरस्कार पाती है जब वह असाधारण हो। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इस बार पुरस्कार नहीं मिला है उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। उन्हें अगले साल पुरस्कार की तैयारी करनी चाहिए।
वहीं प्रो सी राजकुमार ने कहा कि मैं पत्रकारिता पुरस्कारों के इस संस्करण के लिए ज्यूरी का हिस्सा बनकर खुश हूं। जिस तरह से इंडियन एक्सप्रेस खुद को नैतिक पत्रकारिता और ईमानदारी बनाए रखने के प्रयासों के प्रति प्रतिबद्ध रहा है, उससे मैं प्रेरित था। उन्होंने कहा कि ज्यूरी के पास श्रेष्ठ कहानियों का चयन करने के लिए एक कठिन विकल्प था।