एयरपोर्ट पर DMK की कनिमोझी हिंदी में न दे पाईं जवाब तो CISF अफसर का सवाल- आप भारतीय हैं?
मामले पर सीआईएसएफ की प्रतिक्रिया में कहा गया है कि कनिमोझी के साथ हुआ है उसका उन्हें संज्ञान है। कृपया वह एयरपोर्ट का नाम, जगह, तारीख और समय का ब्यौरा दें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

DMK सांसद कनिमोझी ने खुद पर हिंदी थोपे जाने से जुड़े वाकये का खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि एयरपोर्ट पर हिंदी में जवाब न दे पाने पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक अफसर ने उनसे सवाल पूछ दिया था कि क्या वह भारतीय हैं? यह घटना कहां की है? फिलहाल सांसद ने यह नहीं बताया।
उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया, आज हवाई अड्डे पर एक CISF अधिकारी ने मुझसे पूछा कि क्या “मैं एक भारतीय हूं” जब मैंने उसे तमिल या अंग्रेजी में मुझसे बोलने के लिए कहा क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती थी। मैं जानना चाहूंगी कि भारतीय होना हिंदी जानने के बराबर है।
द्रमुक की महिला शाखा की सचिव के इस ट्वीट का सोशल मीडिया पर कई लोगों ने समर्थन किया। एक ने लिखा, ‘‘ मैं भारतीय हूं और हिंदी का उससे कोई लेना-देना नहीं है।’’
Today at the airport a CISF officer asked me if “I am an Indian” when I asked her to speak to me in tamil or English as I did not know Hindi. I would like to know from when being indian is equal to knowing Hindi.#hindiimposition
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) August 9, 2020
कनिमोझी संग इस घटना का पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने भी विरोध किया है। उन्होंने कहा- यह बेहद आपत्तिजनक और हास्यास्पद है, इसकी घोर आलोचना होनी चाहिए। क्या अब भाषा का टेस्ट हो रहा है, आगे क्या होगा? सीआईएसएफ मुख्यालय को इस पर जवाब देना चाहिए।
उधर, मामले पर सीआईएसएफ की प्रतिक्रिया में कहा गया है कि कनिमोझी के साथ हुआ है उसका उन्हें संज्ञान है। कृपया वह एयरपोर्ट का नाम, जगह, तारीख और समय का ब्यौरा दें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
दरअसल, दक्षिण भारतीय सूबे तमिलनाडु की सियासत में भाषा की खासा अहमियत मानी जाती है। वहां के तमाम राजनीतिक दल लंबे वक्त से उत्तर भारत और केंद्र की सरकारों पर आमतौर पर हिंदी भाषा मढ़ने का आरोप लगाते रहे हैं।
इसी बीच, डीएमके ने हाल ही में केंद्र की नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत प्रस्तावित ‘थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला’ को लेकर आपत्ति जताई थी। सत्ताधारी AIADMK ने भी ‘थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला’ के खिलाफ आवाज मुखर की है।