S Jaishankar On China: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शनिवार (28 जनवरी, 2023) को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 1962 में चीन (China) ने भारत की जमीन पर कब्जा किया था। विपक्ष यह बात क्यों नहीं बताता। वे ऐसे दिखाएंगे जैसे यह कल परसों हुआ है।
विदेश मंत्री (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।
चीन ने सीमा मुद्दोंं पर भारत के साथ हुए समझौतों का पालन नहीं किया: विदेश मंत्री
3 जनवरी, 2023 को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन ने सीमा मुद्दों पर भारत के साथ समझौतों का पालन नहीं किया और इसीलिए दोनों पड़ोसियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि कैसे बीजिंग ने एकतरफा एलएसी को बदलने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “हमारा नियंत्रण रेखा (एलएसी) में एकतरफा बदलाव नहीं करने का समझौता था, जो उन्होंने (चीन) एकतरफा करने की कोशिश की है।”
अगर चीन यह भी कहता है कि भारत ने समझौतों का पालन नहीं किया तो क्या होगा, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के लिए यह कहना मुश्किल है क्योंकि ‘रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है’। उन्होंने कहा, ‘आज सैटेलाइट तस्वीरों में काफी पारदर्शिता है। यदि हम देखते हैं कि सबसे पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना को किसने भेजा, तो मुझे लगता है कि रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है। इसलिए, चीन के लिए यह कहना बहुत मुश्किल है।
भारत का प्रभाव हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक पहुंच गया: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पुस्तक ‘भारत मार्ग’ के प्रकाशन समारोह में शनिवार (28 जनवरी, 2023) को बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आजकल भारत का प्रभाव हिंद महासागर से परे प्रशांत महासागर तक पहुंच गया है, इसलिए मैं इतिहास पर बोलता हूं, बड़े देश हमेशा केवल अपने बारे में सोचते हैं, यह उनके डीएनए में कमी है।’ जयशंकर अपनी अंग्रेजी पुस्तक “द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज़ फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड” के विमोचन के लिए पुणे में थे, जिसका मराठी में ‘भारत मार्ग’ के रूप में अनुवाद किया गया है।
सिंधु जल संधि तकनीकी मामला: विदेश मंत्री
सिंधु जल संधि को लेकर जयशंकर ने कहा कि यह एक तकनीकी मामला है और भविष्य की कार्रवाई भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों के बीच बातचीत पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में जो हो रहा है, उसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोलना मेरे लिए सही नहीं होगा। यह एक तकनीकी मामला है, दोनों देशों के सिंधु आयुक्त सिंधु जल संधि के बारे में बात करेंगे। हम उसके बाद ही अपने भविष्य के कदमों पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सितंबर, 1960 की सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस जारी किया था, लेकिन इस्लामाबाद की कार्रवाइयों ने संधि के प्रावधानों को प्रभावित किया।