कंधे पर बच्चे, हाथों में सामान, भूखे-प्यासे मुम्बई से एमपी के झाबुआ 600 KM पैदल ही निकल पड़े दर्जन भर मजदूर
लॉकडाउन के चलते गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। काम नहीं होने की वजह से इन लोगों के पास खाने तक ले लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में ये सभी लोग शहर छोड़ कर अपने-अपने गाँव वापस जाना चाहते हैं।

कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। लॉकडाउन के चलते गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। काम नहीं होने की वजह से इन लोगों के पास खाने तक ले लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में ये सभी लोग शहर छोड़ कर अपने-अपने गाँव वापस जाना चाहते हैं। लेकिन देश के हर राज्य ने अपनी सीमा सील कर रखी है ऐसे में कोई बस, ट्रेन या सार्वजनिक परिवाहन नहीं चल रहा है। ऐसे में कुछ मजदूर अपने गाँव के लिए पैदल ही निकाल पड़े हैं।
कंधे पर बच्चे लादकर, हाथों में सामान लेकर ये मजदूर अपने घरों के लिए पैदल चल पड़े हैं। एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ मजदूर भूखे-प्यासे मुम्बई से एमपी के झाबुआ के लिए निकले हैं। मुम्बई से झाबुआ करीब 600 किलोमीटर दूर है। इस दौरान उन्हें पुलिस की सख्ती का सामना भी करना पड़ रहा है। दिल्ली और गाजियाबाद से गुजरने वाले एनएच 24 पर भी ऐसे कुछ लोग जाते हुए दिखाई दिये हैं।
पूरे देश में हजारों की संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। हालांकि ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार ने 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गरीबों को ‘मोदी किट’ भी बांट ट रही है। इस किट में खाने पीने का समान, राशन के साथ-साथ रोज इस्तेमाल होने वाला सामान है।
कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए और सोश्यल डिस्टेंस मैंटेन कराने के लिए नियम तय किए हैं। जिसके चलते देश के सभी राज्य बंद कर दिये गए हैं। देश में अबतक इससे 17 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 724 लोग इससे संक्रमित हैं। संक्रमित लोगों की संख्या पिछले 6 दिनों में तेजी से बढ़ी है। पिछले एक हफ्ते में 258 मामले सामने आए हैं वहीं चार लोगों की मौत हुई है। ऐसे में लॉकडाउन को लेकर सरकार और भी सख्त हो गई है।