Chhawla Case: छावला रेप-मर्डर केस (Chhawla Rape-Murder Case) में पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से फिर से विचार करने की अपील की है। 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था, जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई गई थी। अब पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि कई महत्वपूर्ण तथ्यों को शीर्ष अदालत के सामने नहीं लाया गया और कुछ तथ्यों की गलत व्याख्या की गई।
कोर्ट ने कहा था, अभियोजन पक्ष आरोपियों के अपराध को साबित करने में विफल रहा
भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की एक पीठ ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि जांच के दौरान कोई पहचान परेड आयोजित नहीं की गई थी, और न ही बयान के दौरान गवाह द्वारा अभियुक्तों की पहचान की गई थी। इस प्रकार अभियोजन पक्ष आरोपियों के अपराध को साबित करने में विफल रहा और स्पष्ट एवं ठोस साक्ष्य के अभाव में दोष सिद्ध नहीं होता है।
शीर्ष अदालत ने फैसले में यह भी कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान कई चूक हुई हैं। अभियोजन पक्ष द्वारा परीक्षित कुल 49 गवाहों में से 10 महत्वपूर्ण गवाहों से जिरह नहीं की गई और कई अन्य महत्वपूर्ण गवाहों से बचाव पक्ष के वकील द्वारा पर्याप्त जिरह नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें तीनों आरोपियों को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा गया था।
निचली अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा
बता दें कि रवि कुमार, राहुल और विनोद को अपहरण, रेप और हत्या के विभिन्न आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट को तय करना था कि तीनों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या नहीं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने की अर्जी का विरोध किया था। साल 2014 में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने तीन लोगों को 2012 के इस मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
राहुल, रवि और विनोद पर 9 फरवरी, 2012 को लड़की का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था। जिस वक्त उसका अपहरण हुआ तब वह अपने कार्यस्थल से घर लौट रही थी। पुलिस के मुताबिक, बाद में 14 फरवरी को हरियाणा के रेवाड़ी के पास लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला, जिस पर कई घाव थे। पोस्टमॉर्टम में पता चला कि उस पर हमला किया गया था, रेप के बाद उसकी हत्या कर शव खेतों में फेंक दिया गया था।