सीआरपीएफ के शहीद जवानों की वर्दियां रायपुर के अस्पताल के पास कूड़े के ढेर में बरामद होने से उपजे रोष के बीच केंद्र ने छत्तीसगढ़ सरकार से कहा है कि वह इस मामले की जांच करे और जवानों के अपमान में संलिप्त लोगों को दंडित करे। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-मैंने छत्तीससगढ़ के मुख्यमंत्री से कहा है कि वे इस मामले में जिम्मेदारी तय करें और उन लोगों को दंडित करें, जो सीआरपीएफ के शहीद जवानों की वर्दी के अपमान में शामिल रहे हैं।
इस बीच केंद्र के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सुकमा हमले में शहीद जवानों की वर्दी कचरे में मिलने की घटना के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यहां बताया कि मुुख्यमंत्री रमन सिंह ने डा भीमराव आंबेडकर अस्पताल में शहीद जवानों के पोस्टमार्टम के बाद उनकी वर्दी, जूते और अन्य सामग्री कूड़े में फेंक दिए जाने की घटना को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने रायपुर कलेक्टर को मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच के लिए रायपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी सुरेश अग्रवाल को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए आदेश में जांच के बिंदु भी तय कर दिए गए हैं।
इस घटना की जांच सीआरपीएफ ने भी शुरू की है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कार्यवाहक प्रमुख आरसी तायल ने कहा कि माओवादी हिंसा से प्रभावित राज्य में बल के महानिरीक्षक (अभियान) द्वारा तैनात एक अधिकारी इसकी जांच करेगा और रिपोर्ट जल्द ही सौंपी जाएगी। एक दिसंबर को हुई मुठभेड़ के बाद रायपुर में शिविर लगा कर रहने के बाद यहां वापस आने वाले तायल ने कहा-हमने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि यह कैसे हुआ? दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमें संदेह है कि कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने ये चीजें रायपुर के अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से ली होंगी। हम इसकी जांच कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक एचएस सिद्धू ने कहा कि जांच जल्दी ही पूरी कर ली जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा संदेह है कि अस्पताल प्रशासन ने वर्दियों को ‘चिकित्सीय कचरा माना हो और उन्हें रखे जाने योग्य न माना हो’ और इसलिए इन्हें फेंक दिया गया हो। जिला कांग्रेस प्रमुख विकास उपाध्याय ने बुधवार को अस्पताल का दौरा किया था और जवानों की वर्दियों एवं अन्य सामान को वह कांग्रेस के कार्यालय में ले गए थे।
अंबेडकर अस्पताल के डीन विवेक चौधरी ने कहा था कि पोस्टमार्टम के बाद विसरा और अन्य अवशेष संरक्षित कर लिए जाते हैं और उन्हें खुले में नहीं रखा जाता। (खून से सनी वर्दियों का खुले में पड़े होने वाला) जो वीडियो मैंने देखा, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।