Chandrayaan-2 India Moon Mission Launch Streaming Updates: चंद्रयान-2 के बाद इसरो की नजर सूरज पर
Chandrayaan-2 Launch ISRO Chandrayaan-2 Moon Mission Launch Streaming Online Updates: चंद्रयान-2 मिशन की लागत करीब 978 करोड़ रुपए आयी है। चंद्रयान-2 मिशन से भारत ने स्पेस की दुनिया में बड़ी छलांग लगायी है।

Chandrayaan-2 Moon Mission Launch Streaming Updates: इसरो ने आज चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण कर अपने खाते में एक और उपलब्धि दर्ज कर ली। अब इसरो चंद्रयान के बाद अगले साल अपना सोलर मिशन आदित्य-एल1 लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह अभियान साल 2020 के मध्य में लॉन्च किया जा सकता है, जिसकी मदद से सूरज की बाहरी सतह के बारे में अहम जानकारी मिल सकेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष में सफलता पूर्वक प्रक्षेपित कर दिया है। इस यान ने इसरो के रॉकेट GSLV-Mk0III-M1 के साथ अंतरिक्ष के लिए सोमवार को दोपहर 2.43 बजे उड़ान भरी। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। वहीं भारत की इस सफलता पर भारत में स्थित अमेरिका दूतावास ने भी इसकी तारीफ की है और इसे इसको का एक बड़ा कदम करार दिया है। अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट कर लिखा कि ‘इसरो को इस बड़े कदम के लिए बधाई! अब इसरो आगे क्या करेगा, यह देखने के लिए बेताब हैं।’
चंद्रयान-2 मिशन की लागत करीब 978 करोड़ रुपए आयी है। चंद्रयान-2 मिशन से भारत ने स्पेस की दुनिया में बड़ी छलांग लगायी है। इस मिशन के साथ ही भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है, जिसका रोवर चंद्रमा की धरती पर लैंड करेगा।
Highlights
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देश के लिए एक बार फिर गर्व करने का मौका है। वहीं फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि इसरो ने एक बार फिर एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया। इसरो की टीम को सैल्यूट
इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के लिए लॉन्चिंग टीम को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने देश के दूसरे मून मिशन के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सफलता वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष में भारत के नए सफर की शुरुआत है।
चंद्रयान-2 मिशन की सफलता पर विभिन्न वर्ग के लोग इसरो को बधाई दे रहे हैं। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान ने ट्वीट कर लिखा कि "चांद तारे तोड़ लाऊं, सारी दुनिया पर मैं छाऊं! ऐसा करने के लिए घंटों की कमरतोड़ मेहनत, एकाग्रता और विश्वास की जरुरत होती है। इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मिशन के लिए बधाई"
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "मैं इसरो के हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई देता हूं, उन्होंने इस उपलब्धि से स्पेस तकनीक के क्षेत्र में नया बेंचमार्क सेट कर दिया है। देश को इस पर गर्व है। मैं इसके साथ ही पीएम मोदी जी को भी धन्यवाद देता हूं, जो हमारे संस्थानों को हर बार नए मानक स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"
बता दें कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पिछले हफ्ते होनी थी, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह लॉन्चिंग टाल दी गई थी और इसके बाद 22 जुलाई को लॉन्चिंग की नई तारीख तय की गई थी।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रयान-2 मिशन के सफल लॉन्चिंग पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इसरो की टीम ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। देश को इन वैज्ञानिकों और टीम इसरो पर गर्व है।
पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 की ऐतिहासिक सफलता पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता देश के युवाओं को साइंस की तरफ प्रेरित करेगी।
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का पहल चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक सफलता पर इसरो और देश को बधाई दी है। पीएम ने ट्वीट कर बधाई दी।
चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण पर उपराष्ट्रति राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसरो को बधाई दी। वहीं, सांसदों ने लोकसभा में मेज थपाथापकर इसरो और वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसरो को सफल लॉन्चिंग की बधाई देने वालों में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल रहीं।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान 2 के रॉकेट से अलग होने के बाद भी अगले कुछ दिन तक जरूरी टेस्ट होते रहेंगे। इसरो चेयरमैन के. सिवन ने सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के लिए वैज्ञानिकों की अपनी पूरी टीम को बधाई दी।
इसरो के चेयरमैन सिवन ने कहा कि यह सफलता हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। सिवन ने कहा कि चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग हमारी उम्मीद से बेहतर रही।
चंद्रयान 2 की सफलता पूर्वक लॉन्चिंग से इसरो के वैज्ञानिकों के साथ ही देश में खुशी की लहर। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि हमने समय रहते तकनीकी खामियों को दूर किया।
चंद्रयान 2 प्रक्षेपण के बाद रॉकेट से अलग हो गया। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने इस बात की जानकारी देते हुए चंद्रयान 2 की सफलता पूर्वक लॉन्चिंग की जानकारी दी।
चंद्रयान 2 ने अंतरिक्ष में प्रक्षेपण के बाद 3000 किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया है। सभी वैज्ञानिक एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। इस मिशन की कमान दो महिलाओं के हाथ में थी।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान 2 को लेकर रवाना हुए इसरो के रॉकेट की गति और स्थिति सामान्य है।
चंद्रयान 2 को लेकर इसरो के ‘बाहुबली’ रॉकेट अंतरिक्ष के लिए सोमवार को दोपहर 2.43 बजे उड़ान भरी। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।
चंद्रयान की लॉन्चिंग में 7 मिनट से भी कम का समय बचा है। मिशन को लॉन्च करने के लिए मिशन डायरेक्टर को ऑथोराइज्ड कर दिया गया है।
चंद्रयान-2 के चांद की सतह पर पहुंचने के बाद वहां रिसर्च करेगा। इस रिसर्च का डाटा धरती तक इसरो के रिसर्च सेंटर पहुंचने में 15 दिन का समय लगेगा। चंद्रयान के प्रक्षेपण में अब 20 मिनट से भी कम का समय बचा है।
GSLVMkIII-M1 के क्रायोजेनिक स्टेज (सी25)में तरल हाइड्रोजन भरने का काम पूरा हो गया है। इससे पहले तरल ऑक्सीजन भरने का काम पूरा किया गया था। चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण में एक घंटे से भी कम का समय बचा है।
अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद रोवर और लैंडर मुख्य रॉकेट से अलग हो जाएंगे। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर 400 मीटर की दूरी तय करेगा।
चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण से पहले क्रायोजेनिक स्टेज में तरल ऑक्सीजन भरने का काम पूरा हो गया है। इस समय तरल हाइड्रोजन भरने का काम चल रहा है।
चंद्रयान-2 के लाइव प्रक्षेपण का गवाह बनने के लिए 7500 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया हैं। इसरो की तरफ से लोगों को लाइव प्रक्षेपण देखने की व्यवस्था की गई है। इसरो के अधिकारी ने कहा कि इसरो ने लोगों को लाइव प्रक्षेपण देखने की अनुमति दी थी। इसरो के गैलरी की क्षमता 10 हजार लोगों की है।
चंद्रयान-2 को इसरो का सबसे मुश्किल मिशन कहा जा रहा है। सफर के अंतिम दिन जिस वक्त रोवर समेत यान का लैंडर चांद की सतह पर लैंड करेगा, वह समय भारतीय वैज्ञानिकों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होगा। इसरो के चेयरमैन के. सिवन खुद इसे सबसे मुश्किल 15 मिनट बता चुके हैं।
चंद्रयान-2 से चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी से जुड़े कई ठोस नतीजों की उम्मीद की जा रही है। इस अभियान से चांद की सतह का नक्शा तैयार करने में भी मदद मिलेगी। इससे भविष्य के अन्य अभियानों के लिए रास्ता खुलेगा। यह अभियान चंद्रमा की सतह खनिजों के प्रकार व उसकी मात्रा की भी जानकारी देगा।
लैंडर उतरने के बाद रोवर उससे अलग होकर अन्य प्रयोगों को अंजाम देगा। लैंडर और रोवर के चंद्रमा की सतह पर कुल 14 दिन काम करेंगे। चांद के हिसाब से यह अवधि एक दिन की होगी। दूसरी तरफ, ऑर्बिटर सालभर चांद की परिक्रमा करते के दौरान विभिन्न तरह के प्रयोगों को पूरा करेगा।
चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं-ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर। इनमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के सम्मान में लैंडर का नाम 'विक्रम' रखा गया है। वहीं रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया है। प्रज्ञान संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ ज्ञान है।
भारत के चंद्रयान-2 अभियान को अमेरिका का वाशिंगटन पोस्ट अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षा का प्रतीक बता चुका है। अखबार ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। इस यान के प्रक्षेपण से पहले वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि भारत के अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत 1960 के करीब ही हो गई थी लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे नई ख्याति मिली है।
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष में भारत का पहला रोबोटिक्स एक्सप्लोरेशन अभियान है। इसका मतलब यह है कि भारत का यह पहला ऐसा अभियान है जिसमें लैंडर-रोवर किसी अंतरिक्ष की सतह पर उतर कर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इससे पहले भारत के अंतरिक्ष अभियान में ऑर्बिटर ही शामिल रहे है। ये ऑर्बिटर अंतरिक्षीय पिंडों के चारों ओर घूमते हुए ही रिसर्च करते हैं।
चंद्रयान-2 अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर ले जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।’ इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चन्द्रयान-2 के लैंडर को उतारेंगे जहां अब तक कोई देश नहीं गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने 15 जुलाई को मिशन के प्रक्षेपण से 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे इसे रोक दिया था। कई दिग्गज वैज्ञानिकों ने इस कदम के लिए इसरो की प्रशंसा भी की थी। उनका कहना था कि जल्दबाजी में कदम उठाने से बड़ा हादसा हो सकता था।
चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं। गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। उन्होंने कहा, '15 जुलाई को सामने आई तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है। प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है...(प्रक्षेपण से पहले) का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है।