राजनीतिक दलों को चंदा देने संबंधी सूचना वाली आरटीआई का जवाब देने का निर्देश, सीईआसी ने सुनाया फैसला
आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने ऐसे प्रतिवेदनों की संख्या की जानकारी, उनकी प्रतियां मांगी थीं। उन्होंने विभाग द्वारा 2017 में आरबीआई तथा चुनाव आयोग से परामर्श करके तैयार चुनावी बांड योजना का मसौदा भी मांगा।

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) को उस आरटीआई कार्यकर्ता को जवाब देने का निर्देश दिया है जिसने राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोगों की तरफ से गोपनीयता बरतने का अनुरोध करते हुए उसे मिले प्रतिवेदनों की संख्या पूछी है।
सीआईसी ने वित्त मंत्रालय के तहत डीईए, वित्तीय सेवा विभाग, राजस्व विभाग तथा चुनाव आयोग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारियों (सीपीआईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी करके यह भी पूछा है कि 30 दिन की निर्धारित अवधि के अंदर सूचना नहीं देने के लिए उन सभी पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए।
आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने ऐसे प्रतिवेदनों की संख्या की जानकारी, उनकी प्रतियां मांगी थीं। उन्होंने विभाग द्वारा 2017 में आरबीआई तथा चुनाव आयोग से परामर्श करके तैयार चुनावी बांड योजना का मसौदा भी मांगा। डीईए ने अपने जवाब में कहा कि उनके पास जानकारी नहीं है और उन्होंने आरटीआई आवेदन की प्रति वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग को भेज दी है। आरबीआई और ईसी ने भी कहा कि उनके पास जानकारी नहीं है।
सीआईसी ने एक अक्टूबर, 2019 के अपने अंतरिम आदेश में डीईए को उन अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया था जो सूचना रोक सकते हैं। सूचना आयुक्त सुरेश चंद्र ने डीईए को निर्देश दिया था कि वित्तीय सेवा विभाग और ईसी के साथ मिलकर काम करें और नायक को इस मुद्दे पर ठोस जवाब दें।
#Breaking | THE DAY’S BIGGEST POLITICAL NEWSBREAK.
In a landmark judgement of the Central Information Commission, Govt would have to disclose names of all those who gave representations for electoral bond donors to be made private.
Details by TIMES NOW’s Mohit & Meghna. pic.twitter.com/xiu0F15m93
— TIMES NOW (@TimesNow) January 8, 2020
तीन जनवरी के ताजा आदेश में आयोग ने कहा कि डीईए ने उसके निर्देशों का पालन नहीं किया और जिम्मेदारी नहीं निभाई। यह आदेश मंगलवार को सार्वजनिक किया गया। उन्होंने आरबीआई को आरटीआई अर्जी पर फिर से नजर डालने और आरटीआई कानून के अनुसार आवेदक को जवाब या सूचना देने का निर्देश भी दिया।