अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह मामला लालू के परिवार को तोहफे में जमीन देकर या जमीन बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी देने से संबद्ध है। मामला 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री रहने के समय का है।
अधिकारियों के मुताबिक सीबीआइ के पांच अधिकारियों की एक टीम मंगलवार को दो कार में सवार होकर सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर इंडिया गेट के पास पंडारा पार्क स्थित लालू की बेटी मीसा भारती के आवास पर पहुंची, जहां पूर्व रेल मंत्री (लालू) अभी रह रहे हैं। जांच एजंसी की टीम दोपहर बाद करीब 12 बजकर 55 मिनट पर भोजन करने के लिए चली गई।
पूछताछ दोपहर बाद करीब सवा दो बजे फिर शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान, एक कमरे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को कुछ दस्तावेज दिखाए गए, जहां वे गुर्दा (किडनी) प्रतिरोपण के बाद पृथक रूप से रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले, सीबीआइ ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके पटना स्थित आवास पर करीब पांच घंटे तक पूछताछ की थी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत लालू, राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था और सभी आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह पूछताछ आगे की जांच के तौर पर की जा रही है, जिसमें जांच एजंसी धन के लेन-देन और बड़ी साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
लालू चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए गए थे। सोमवार को राबड़ी से पूछताछ किए जाने की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की थी। लालू के छोटे बेटे एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनका परिवार केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का लगातार विरोध करता रहा है और यही कारण है कि सीबीआइ की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक ट्वीट में कहा था कि जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें ईडी-सीबीआइ के जरिए प्रताड़ित किया जा रहा है। आज राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है। लालू प्रसाद जी व उनके परिवार को वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं। भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।