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जजों की मेज पर भी बैठ जाती हैं बिल्लियां, ले जाओ तो फिर से लौट आती हैं, ये उनका इलाका है, जानें बॉम्बे HC क्यों बोला ऐसा

हाईकोर्ट ने अपने नौ पेज के फैसले में कहा कि जानवरों को खाना खिलाने वाले शख्स पर एक्शन संविधान और कानून के भी पूरी तरह से खिलाफ है।

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सांकेतिक तस्वीर

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील से कहा कि आपने कभी अदालत में घूमकर देखा है। आपको हर जगह बिल्लियां दिखाई देंगी। यहां तक कि जजों की मेज पर भी वो बैठी दिख जाती हैं। आप उन्हें कहीं भी छोड़कर आओ वो फिर से लौट आती हैं।

दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस आरएन लड्डा की बेंच आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से जुड़ी एक हाउसिंग सोसायटी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा कि कुत्ते और बिल्ली जैसे जानकर अपना इलाका जब एक बार बना लेते हैं तो फिर वो उसे छोड़कर नहीं जाते। आप उन्हें कहीं भी लेकर छोड़ आओ लेकिन वो फिर से लौटकर उसी जगह पर आ जाते हैं।

आवारा जानवर भी जीवित प्राणियों की श्रेणी में आते हैं

जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस आरएन लड्डा का कहना था कि हाईकोर्ट के जज और बाकी का स्टाफ बिल्लियों की देखभाल करता है। इसी वजह से वो जजों की मेज पर बैठने से भी गुरेज नहीं करती हैं। उनका कहना था कि ये जानवर भी जीवित प्राणियों की श्रेणी में आते हैं। हम सभी के लिए जरूरी है कि इनकी देखभाल की जाए। उनके खाने का इंतजाम किया जाए।

एडवोकेट प्रोमिता प्रोथन ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि हाउसिंग सोसायटी उन्हें आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए एक जगह तय नहीं कर रही है। जस्टिस कुलकर्णी का कहना था कि वो एडवोकेट को कुत्तों को खिलाने से नहीं रोक सकते। हाउसिंग सोसायटी को चाहिए कि वो उनके साथ सलाह मशविरा करके एक जगह तय करे, जहां कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति हो। अदालत ने सोसायटी को चेतावनी देते हुए कहा वो कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें, नहीं तो कोर्ट को सख्त कदम उठाना होगा।

Animal Birth Control Rules of 2023 का हवाला दे दी चेतावनी

अदालत ने कहा कि Animal Birth Control Rules of 2023 के तहत आवारा पशुओं को खाना देना कानूनन सही है। अगर कोई इसका उल्लंघन करते है या फिर जानवरों को खाना खिलाने वाले शख्स के खिलाफ जुर्माना या दूसरी कोई कार्रवाई करता है तो फिर कोर्ट बर्दाश्त नहीं करेगी। हाईकोर्ट ने अपने नौ पेज के फैसले में कहा कि जानवरों को खाना खिलाने वाले शख्स पर एक्शन संविधान और कानून के भी पूरी तरह से खिलाफ है।

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First published on: 28-03-2023 at 17:44 IST
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