मोदी सरकार ने ‘मिशन कर्मयोगी’ को दी मंजूरी, बता रही सबसे बड़ा ब्यूरोक्रैटिक रिफॉर्म- जानें डिटेल्स
यह कार्यक्रम सरकारी कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण का आधार होगा ताकि वे विश्वभर की उत्कृष्ट कार्य पद्धतियां सीखते हुए भारतीय संस्कृति से भी निरंतर जुड़े रहें।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नौकरशाही में व्यापक सुधार के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) ‘मिशन कर्मयोगी’ को मंजूरी दे दी। इसका उद्देश्य ऐसे लोक सेवक तैयार करना है, जो अधिक रचनात्मक, चिंतनशील, नवाचारी, व्यावसायिक और प्रौद्योगिकी-सक्षम हों।
मोदी सरकार की तरफ से इसे सबसे बड़ा ब्यूरोक्रेटिक रिफॉर्म बताया जा रहाहै। सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांतों में ‘नियम आधारित’ मानव संसाधन प्रबंधन से ‘भूमिका आधारित’ प्रबंधन के परिवर्तन को सहयोग प्रदान करना शामिल है। साथ ही इसका लक्ष्य लोक सेवकों को उनके पद की आवश्यकताओं के अनुसार आवंटित कार्य को उनकी क्षमताओं के साथ जोड़ना भी है।
बयान में कहा गया है कि यह कार्यक्रम सरकारी कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण का आधार होगा ताकि वे विश्वभर की उत्कृष्ट कार्य पद्धतियां सीखते हुए भारतीय संस्कृति से भी निरंतर जुड़े रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह मिशन अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को उनके क्षमता निर्माण का एक मौका प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि मिशन ‘कर्मयोगी’ के तहत सिविल सेवा क्षमता निर्माण योजनाओं को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद में मंजूरी दी गयी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयनित केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रख्यात सार्वजनिक मानव संसाधन पेशेवरों, विचारकों, वैश्विक विचारकों और लोक सेवा प्रतिनिधियों वाली यह सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद शीर्ष निकाय के तौर पर कार्य करेगी जो सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी।
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नियुक्ति के बाद एक बहुत बड़ा सुधार का फैसला किया है जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने प्रदर्शन में सुधार का एक मौका दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार में मानव संसाधन विकास का यह सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
ये है खास बातेंः
- मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य के लिए सरकारी कर्मचारियों को अधिक सृजनात्मक, रचनात्मक और नवोन्मेषी बनाना है।
- कर्मचारियों के व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकन को समाप्त करने में मदद करेगा और उनका वैज्ञानिक तरीके से उद्देश्यपरक और समयोचित मूल्यांकन सुनिश्चित करेगा।
- तकरीबन 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बनाये जा रहे इस मिशन पर 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए 510.86 करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च किया जाएगा
- आईजीओटी प्लेटफ़ॉर्म कार्य-आधारित मानव संसाधन प्रबंधन और निरंतर ज्ञान के लिए परिवर्तन सक्षम करेगा।
(भाषा इनपुट के साथ)