NRC के मुद्दे पर पीछे हट सकती है सरकार, पीएम मोदी ने दिए संकेत!
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने जोर देकर कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू किया जाएगा।

नागरिकता संशोधन कानून पर जारी विरोध को देखते हुए लगता है कि केन्द्र सरकार एनआरसी के मुद्दे पर पीछे हट सकती है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक हालिया टिप्पणी से यह संकेत उभरते हैं कि भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा इसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। पीएम मोदी ने रविवार को दिल्ली में एक रैली में कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और संशोधित नागरिकता कानून अलग- अलग मामले हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने एनआरसी पर चर्चा नहीं की है।
पार्टी के कुछ नेताओं ने स्वीकार किया कि सीएए के खिलाफ हो रहे व्यापक प्रदर्शन से वे चकित हैं और एनआरसी को लेकर समुदाय के एक हिस्से में, खासतौर पर मुस्लिमों की आशंकाओं ने भावनाएं भड़काई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एनआरसी और सीएए को अलग-अलग मुद्दा बता कर स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अभी तक इस तरह की प्रक्रिया के बारे में नहीं सोचा है।
देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रशर्दन के बीच, प्रधानमंत्री का यह बयान आया है। प्रदर्शनों से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में उत्तरप्रदेश भी शामिल है जहां 17 लोगों की मौत हो गई। आंदोलनकारियों के साथ झड़पों में काफी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
इस तरह की स्थिति में एनआरसी के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के एक नेता ने कहा कि रैली में मोदी के बयान के बाद से संदेश ‘‘स्पष्ट’’ है। उन्होंने संकेत दिए कि पार्टी के नेता निकट भविष्य में इस मुद्दे को उठाने से बच सकते हैं।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने जोर देकर कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू किया जाएगा। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान शाह ने नौ दिसम्बर को कहा था कि घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें बाहर निकालने के लिए मोदी सरकार निश्चित तौर पर पूरे देश में एनआरसी लागू करेगी।
देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों के बीच नड्डा ने पिछले हफ्ते कहा कि पूरे देश में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के साथ ही एनआरसी को भी लागू किया जाएगा। झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान चुनावी रैलियों में शाह ने कहा था कि 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले एनआरसी लागू किया जाएगा।
भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में वादा किया गया था कि घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए देश में चरणबद्ध तरीके से एनआरसी लागू किया जाएगा। दिल्ली की रैली में मोदी ने भले ही एनआरसी से सरकार को अलग किया हो, लेकिन अपने भाषण में उन्होंने देश में घुसपैठ के मुद्दे को उठाया।
पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एनआरसी भाजपा का मुख्य चुनावी वादा है जहां 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा वादा करने के लिए स्वतंत्र है जबकि देश के अन्य हिस्सों में इसे लागू करने में तेजी नहीं बरतेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों और हफ्तों में इस विषय पर ठोस निर्णय किया जाएगा।
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