Union Budget 2023 की केंद्र सरकार से जुड़े नेता जमकर तारीफ कर रहे हैं जबकि विपक्षी दल इसपर सवाल उठा रहे हैं। गुरुवार को बजट 2023 को लेकर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इंटरव्यू किया। इस दौरान निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि जब वह और उनकी टीम लोकसभा चुनाव से पहले पूरे साल का बजट तैयार करने के लिए बैठी तो पहले दिन से उनका मेन फोकस विकास पर था।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री भी इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा कि ग्रोथ का मोमेंटम रखना चाहिए। कुछ भी हो, हमें इसे गति देने की जरूरत है, इसे बेहतर ढंग से तैयार करना है और इसे बेहतर तरीके से चलाना है। यही वजह है कि पूंजीगत व्यय (capital expenditure) के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। “
उन्होंने आगे कहा कि हमारे दिमाग में बजट बनाते समय यह बिलकुल स्पष्ट था कि यह भारत के लिए एक “सुनहरा अवसर” था और इस बार किसी भी हालत में यह मौका नहीं छोड़ना है।
उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि महामारी में कोई कमी नहीं आई है और इसकी वजह से प्राइवेट सेक्टर को जो नुकसान हुआ है, सरकार की ‘कैपेक्स योजना’ (Capital Expenditure Plan) पिछले तीन वर्षों से एक जैसी रही है। उन्होंने कहा कि हम हकीकत में यह नहीं देख रहे थे कि प्राइवेट सेक्टर इनवेस्ट कर रहा है या नहीं। हम निवेश करने गए। इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर भी आगे आया और ट्वीन बैलेंस शीट की समस्या का समाधान हो गया।
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या एक और साल के हाई गवर्मेंट कैपेक्स आउटले (high government capex outlay) का मतलब यह है कि प्राइवेट सेक्टर अभी भी निवेश करने के लिए तैयार नहीं था तो उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर इनवेस्टेमेंट को न सिर्फ विस्तार के एक साधन के रूप में देख रहा था बल्कि AI और इंटरनेट संबंधित चीजों सहित तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के समय बदलाव को मैनेज करनी का प्रयास भी कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम ‘बैठकर देख नहीं सकते’। इसलिए मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि जो आप कह रहे हैं कि यह (प्राइवेट सेक्टर इनवेस्टमेंट) इस साल भी नहीं हो सकता है और इसलिए, क्या आप सरकारी खर्च के साथ आगे बढ़ना चाहेंगे … मैं इस बात के लिए प्रतिबद्ध हूं कि यह भारत के लिए एक सुनहरा अवसर है। हमें वास्तव में इस मौके को नहीं छोड़ना चाहिए।”