Modi Government: बजट 2023 को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने बुधवार (1 फरवरी, 2023) को केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर हमला बोला है। उन्होंने बजट को “हम दो हमारे दो” करार देते हुए कहा कि इसमें मिडिल क्लास की अनदेखी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट को आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया।
हम दो हमारे दो पर फोकस बजट 2023
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “बजट देखकर ऐसा लगता है जैसे यह ‘हम दो हमारे दो’ को फोकस कर बनाया गया है। जो टैक्सपेयर्स के लिए उच्चतम स्लैब में की गई कटौती से साफ है।” शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “लोग इसे अच्छी तरह समझते हैं कि ये सरकार ने किसके लिए किया है।” केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट सत्र के दौरान आयकर छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि नई कर व्यवस्था, अब डिफॉल्ट कर व्यवस्था होगी। वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब की संख्या को घटाकर 5 और टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करके इस व्यवस्था में टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने का भी प्रस्ताव दिया है।
बजट में घोषणा की गई कि 0-3 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य है, 3 लाख रुपये से ऊपर की आय और 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, 6 लाख रुपये से अधिक की आय पर 5 प्रतिशत और नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत और 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत व 15 लाख से अधिक आय पर 20 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा।
पेट्रोल-डीजल, महिलाओं और किसानों का भी मुद्दा उठाया
शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि डीजल, पेट्रोल, आम आदमी, महिलाओं और किसानों के मुद्दों पर बजट में कुछ खास पेश नहीं किया गया। जबकि उम्मीद की जा रही थी कि अमृतकाल के दौरान पर्याप्त जमानत राशि न होने और अन्य कारणों से जमानत का इंतजार कर रहे कई कैदियों रिहा किया जाएगा, लेकिन उनकी फाइलें अभी भी अधूरी पड़ी हैं। इनमें पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के रोड रेज डेथ केस में एक साल की कैद की सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें सश्रम एक साल की जेल की सजा सुनाई थी। सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन उन्हें स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध का दोषी ठहराया गया था। अदालत ने सिद्धू पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और मामले में सिद्धू के सहयोगी रूपिंदर सिंह संधू को भी बरी कर दिया था।