बजट 2017 में आम आदमी को लग सकता है झटका! जानिए 3 महत्वपूर्ण बातें
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बजट 2017 से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं लेकिन ये पूरी होंगी यह समय आने पर ही पता लगेगा।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बजट 2017 से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं। वहीं इस बजट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि कैसे आम आदमी को इसमें राहत मिल सकेगी लेकिन नए बजट में किन तीन चीजों के जरिए सरकार टैक्स में इजाफा करने की कोशिश कर सकती है।
टैक्स छूट की सीमा- बजट 2017 में टैक्स लिमिट में क्या बदलाव किए जाएंगे यह तो समय आने पर ही पता लगेगा लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार टैक्स बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। ज्यादा टैक्स आने से निवेश बढ़ेगा। जहां टैक्स लिमिट 2.5 लाख रुपये की है वहीं बजट में सरकार इसे हर साल मुद्रास्फीति दर को ध्यान में रखते हुए बदलने के बारे में विचार कर सकती है। वहीं नौकरीपेशा जमात ही देश में ऐसी है जो ईमानदार तरीके से टैक्स भरती हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि टैक्स सैलरी आने के समय ही काट लिया जाता है।
घर खरीद- घर खरीदना हर आम आदमी का सपना होता है। वहीं सरकार 2022 तक सभी के लिए घर बनाने की योजना का सफल क्रियान्वयन चाहती है। एक्सपर्ट्स की माने तो एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की कीमत का घर खरीदने पर ब्याज पर 2 लाख रुपये और 1.5 लाख रुपये प्रिंसिपल रीपेमेंट पर टैक्स काटा जाता है। नोटबंदी के बाद हुई मंदी से हुए नुकसान और राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश में सरकार टैक्स में इजाफा करने की सोच रही है। ऐसे में इन लिमिट्स को भी बढ़ाया जा सकता है।
कैपिटल गेन्स- इक्विटीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के जरिए सरकार को टैक्स में कोई खास इजाफा नहीं मिल रहा है। वहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर 15% टैक्स है। ऐसे में जहां डेब्ट म्यूचुअल फंड्स, रियल एस्टेट क्विटीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की समय सीमा 3 साल की है और शॉर्ट टर्म गेन्स पर 1 साल ही, साल इसे बढ़ाकर तीन साल कर सकती है। इससे सरकार टैक्स में बढ़ोतरी के जरिए राजकोषीय घाटे के कम करने की कोशिश कर सकती है।