लड़की के घर पकड़ा गया, भागकर पहुंच गया पाकिस्तान, अब परिवार लगा रहा पीएम मोदी से गुहार
बाड़मेर के पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी मामले का संज्ञान लिया है।

राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले एक परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि वे पाकिस्तान में फंसे 18 साल के उनके बेटे को वापस लाने में मदद करें। दरअसल, ढाई महीने पहले गेमराराम नाम का युवक अपनी एक दोस्त से मिलने के लिए उसके घर गया था और पकड़े जाने के बाद भागते-भागते वह गलती से पाकिस्तान की सीमा लांघ गया। पुलिस का कहना है कि 5 जनवरी को हुई फ्लैग मीटिंग के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने इसकी पुष्टि की कि गेमराराम उनकी कस्टडी में है। हालांकि, उसे छोड़े जाने पर अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है।
बाड़मेर बिंजरड़ पुलिस स्टेशन के एसएचओ जेठा राम ने बताया कि 4-5 नवंबर की रात को गेमराराम अपने पड़ोस में रहने वाली लड़की से मिलने गया था। रात करीब 1-1.30 बजे लड़की के परिवारवालों ने उसे देख लिया। इसका पता चलते ही लड़का भाग निकला और बॉर्डर पार निकल गया। पुलिस को इस मामले की जानकारी 16 नवंबर को मिली, जब लड़के के परिवारवाले ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद गेमराराम को वापस लाने के लिए पुलिस ने बीएसएफ से संपर्क किया।
बड़े भाई जुगतराम का कहना है गेमराराम और लड़की एक-दूसरे से प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने की वजह से गेमराराम उनके साथ जोधपुर की एक फर्नीचर की दुकान पर काम कर रहा था। 4 नवंबर को जब वे घर लौटे तो गेमराराम अपने दोस्त से मिलने की बात कह कर घर से निकला। लेकिन 5 नवंबर को जब उसे फोन किया गया, तो इसका कोई जवाब नहीं मिला।
गेमराराम जिस लड़की से मिलने गया था, उसके परिवारवालों ने दोनों के बीच प्रेम प्रसंग की बात से इनकार किया है। हालांकि, जुगतराम का कहना है कि उसके भाई की अनजाने में हुई गलती ने पूरे घर को गमजदा कर रखा है। लड़की के परिवारवालों ने घटना के बाद उसे बुलाकर पूरी जानकारी दी, पर वे लगातार भाई को न ढूंढने का दबाव बना रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचेगी। हालांकि, लड़की के पिता ने कहा है कि दोनों साथ स्कूल में जरूर पढ़ते थे, पर वे कभी दोस्त नहीं रहे। लड़की ने पहले गेमराराम और उसके भाई द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत भी की थी।
दूसरी तरफ जुगतराम का कहना है कि अब तो गेमरराम की वतन वापसी से ही सुकून लौटेगा। गेमरा की रिहाई के लिए अब बाड़मेर के कई जनप्रतिनिधियों ने आवाज मुखर करनी शुरू कर दी। हाल ही में यह मामला विदेश मंत्रालय तक पहुंचा था और अब गेमराराम के परिवारवालों ने पीएम मोदी को भी चिट्ठी लिख दी है।