पनसारे और दाभोलकर हत्याकांड की धीमी जांच पर आपत्ति जताने वाले जज ने दिया इस्तीफा
जज धर्माधिकारी दो साल बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। जज ने कहा, "मुंबई में मेरी कुछ व्यक्तिगत जिम्मेदारियां हैं, यही वजह है कि मैं महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरण नहीं चाहता था।"

बॉम्बे हाईकोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सत्यरंजन धर्माधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जस्टिस ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि वह अपने निजी और पारिवारिक कारणों से नहीं चाहते कि उनका महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरण हो।
जस्टिस धर्माधिकारी ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और कार्यकर्ता गोविंद पानसरे मामले की धीमी जांच पर आपत्ति जताई थी। धर्माधिकारी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि उन्हें किसी अन्य राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य जज के रूप में पदोन्नत किया गया था, हालांकि वह मुंबई नहीं छोड़ना चाहते थे।
जस्टिस धर्माधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पूरी तरह से व्यक्तिगत और पारिवारिक मुद्दों के कारण इस्तीफा दिया … मैं मुंबई नहीं छोड़ना चाहता था और वे मुझे मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य जज के रूप में प्रोन्नति देने के लिए तैयार नहीं थे।” जज ने कहा कि उन्होंने गुरुवार शाम अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया।
हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार हुआ है या नहीं लेकिन जस्टिस धर्माधिकारी ने शुक्रवार को अदालत में वकीलों से कहा कि यह कार्यालय में उनका आखिरी दिन है और वह 17 फरवरी (सोमवार) से उपलब्ध नहीं रहेंगे।जज धर्माधिकारी दो साल बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।
जज ने कहा, “मुंबई में मेरी कुछ व्यक्तिगत जिम्मेदारियां हैं, यही वजह है कि मैं महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरण नहीं चाहता था।” इससे पहले सुबह जब अधिवक्ता मैथ्यु नेदमपारा ने एक याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए अदालत से अगले हफ्ते की तारीख मांगी तब जज ने इस्तीफा देने संबंधी घोषणा की। जज धर्माधिकारी ने अदालत में कहा, ‘‘मैंने इस्तीफा दे दिया है, आज यहां मेरा अंतिम दिन है।’’
एडवोकेट नेदमपारा ने बाद में कहा, ‘‘जब जज ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तो शुरुआत में मुझे लगा कि ऐसा उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा है। वह एक वरिष्ठ जज हैं और इस्तीफा देने की उनकी बात सुनकर धक्का सा लगा।’’ जस्टिस धर्माधिकारी को 14 नवंबर 2003 को बंबई हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था और वह 2022 में अवकाशग्रहण करने वाले थे।