भारत से होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई में भारी कमी आने के बाद नेपाल ने चीन का रुख कर लिया है। खबर है कि नेपाल ने बुधवार को ”पेट्रो चाइना” के साथ दो समझौतों पर दस्तखत किए, जिसके तहत नेपाल को चीन की ओर से 1000 मीट्रिक टन पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करेगा। चीन ने यह भी कहा है कि वह नेपाल को 13 लाख लीटर गैसोलिन की आपूर्ति करेगा। नेपाल के साथ समझौता कर ड्रैगन ने कूटनीति के मोर्चे पर भारत को एक और पटखनी दी है। वह हमारे सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंध बढ़ा रहा है, ताकि भारत का प्रभुत्व कम किया जा सके।
नेपाल ही नहीं, चीन की नजर, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश पर भी है। जहां तक नेपाल की बात है तो इस हिमालयन राष्ट्र में वैसे भी इस समय कम्युनिस्ट सरकार है, जिसका रुख चीन की तरफ ज्यादा है। नेपाल-चीन समझौता मोदी सरकार के लिए भी खतरे की घंटी है। 2014 में जब मोदी नेपाल गए थे, तब उन्होंने संबंधों को पटरी पर लौटाने के लिए हरसंभव प्रयास का वादा किया था। नेपाल की जनता ने भी उनका जोरदार स्वागत किया, लेकिन ताजा घटनाक्रम ने साबित कर दिया है भारत को अपनी नेपाल नीति पर फिर से विचार करने की सख्त जरूरत है।
नेपाल के अधिकारियों के मुताबिक़, बुधवार को तिब्बत के लिए फिर से रास्ता खुल जाने से इस नए रास्ते को लेकर उनकी उम्मीदें बढ़ गई हैं। अप्रैल में नेपाल में आए विनाशकारी भूंकप के बाद से ही रउवागड़ी-केरूंग चौकी बंद थी। नेपाल और चीन के बीच दो सड़क मार्ग हैं जो भूकंप के बाद बंद हो गए थे, लेकिन अब ये दोनों खोल दिए गए हैं।
पिछले कुछ समय से भारतीय कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) नेपाल को पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन, गैस और विमानों में इस्तेमाल होने वाली एलएनजी की सप्लाई नहीं कर रहा था। हालांकि, भारत का कहना है कि मधेशियों के प्रदर्शन की वजह से ट्रक नेपाल की सीमा में नहीं घुस पा रहे हैं। दूसरी ओर नेपाल का कहना है कि भारत जानबूझकर ऐसा कर रहा है।
नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन के प्रवक्ता दीपक बराल ने समझौते के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन से तेल आयात करना लंबी योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा पर आर्थिक नाकेबंदी के बाद नेपाल ने सबक सीखा है। नेपाल में नया संविधान बनते ही मधेशियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे, जिसके बाद से ही भारत-नेपाल सीमा पर अघोषित नाकेबंदी हो गई। इन प्रदर्शनों में अभी तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
Read Also:
पिता की मौत के बाद राजनीति में उभरी थीं बिद्या देवी भंडारी, अब बनीं नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति
‘साउथ चाइना सी’ में जंगी जहाज भेजने पर अमेरिका से भिड़ा चीन, राजदूत को तलब कर लगाई फटकार
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें