राकेश टिकैत बोले- गाजीपुर बॉर्डर पर काटी गई लाइट, कोई गलत हरकत हुई तो सरकार की जिम्मेदारी
चेतावनी दी कि अगर कुछ भी अप्रिय स्थिति आती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह डर फैलाने, दहशत फैलाने की पुलिस-प्रशासन की साजिश है।

मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले, आईटीओ समेत कई इलाकों में हिंसा और आगजनी के बाद भी स्थिति शांत होती नहीं दिख रही है। बुधवार की रात भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत ने आरोप लगाया कि गाजीपुर बार्डर पर बिजली काट दी गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कुछ भी अप्रिय स्थिति आती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह डर फैलाने, दहशत फैलाने की पुलिस-प्रशासन की साजिश है। अगर इस तरह की हरकत जारी रही तो यह सभी बार्डर पर हो सकती है। अगर यही होता रहा तो किसान स्थानीय थाने पर जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। यह दहशत फैलाने का काम है। इस तरह का कोई काम नहीं करें।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं के खिलाफ हिंसा के लिए मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस ने चेतावनी दी है कि हिंसा में जो लोग शामिल रहे हैं, उन्हें किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
#WATCH: Bharatiya Kisan Union (BKU) spokesperson Rakesh Tikait says that farmers will head to the local Police stations around Ghazipur border if the electricity is cut in the area, warns that the onus of what happens next would lie on the govt. (27.01.2021) pic.twitter.com/tFeDPkoSth
— ANI (@ANI) January 28, 2021
उधर, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत इलाके में पुलिस ने धरना दे रहे किसानों को कथित तौर पर जबरन हटा दिया।किसान गत 19 दिसंबर से वहां धरने पर बैठे थे। पुलिस ने हालांकि धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है।
धरने में शामिल किसान थांबा चौधरी और ब्रजपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में बड़ौत थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पिछली 19 दिसंबर से किसानों का धरना चल रहा था। देर रात बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी धरना स्थल पर बने तंबुओं में घुस गए और वहां सो रहे किसानों पर लाठियां चलाईं और उन्हें खदेड़ दिया। किसानों ने इसे पुलिस की ज्यादती करार देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने तंबू भी हटा दिए हैं।
पुलिस क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह ने किसानों पर ज्यादती के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों से बातचीत के बाद ही धरने को समाप्त कराया गया है और कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया । जो हुआ वह सबकी सहमति से हुआ और किसान स्वेच्छा से अपने घर गए हैं।