कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद गिर गई । इसी के साथ राज्य में 14 महीने से अस्थिरता के दौर का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी का कार्यकाल खत्म हो गया। कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हारने के तुरंत बाद राज्यपाल वजूभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, 13 बागी विधायकों पर अब भी अयोग्य ठहराए जाने की तलवार लटक रही है।
कांग्रेस नेताओं को पूरा भरोसा है कि बागी विधायक एक या दो दिन में अयोग्य करार दे दिए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि वे नई बनी सरकार में मंत्री नहीं बन पाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की नजर अब बीजेपी के अगले कदम पर टिक गई है। इसके बाद ही कांग्रेस आगे की रणनीति तय करेगी। एक सीनियर नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि बागी सदस्यों की अयोग्यता पर स्पीकर का फैसला एक या दो दिन में आ जाएगा।
एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त हूं कि वे अयोग्य ठहराए जाएंगे।’ सूत्रों ने बताया कि स्पीकर बागी विधायकों को विश्वास मत से पहले अयोग्य नहीं करार दे सकते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि नियमों के मुताबिक अयोग्य ठहराने के लिए 7 दिन का नोटिस देना पड़ता है। 7 दिन की समयावधि बुधवार को पूरी हो रही है। उधर, बागी विधायकों ने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर अपने खिलाफ जारी समन का जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का वक्त मांगा है।
कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दी है। वहीं, विधायकों ने स्पीकर से कहा कि उन्हें याचिका की कॉपी और अयोग्य ठहराए जाने से जुड़े अन्य दस्तावेज अभी नहीं मिले हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से विधायक व्हिप जारी होने के बावजूद विश्वासमत में न पहुंचने के लिए अयोग्य ठहराए जाने से बच गए। हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने इन बागियों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की है।
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार ऐसे वक्त में गिरी है, जब पार्टी पहले से मुसीबत में है। राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ चुके हैं। एक सीनियर नेता ने कहा, ‘एक्सीडेंट होने के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पार्टी मुसीबत में है। आप क्या उम्मीद करते हो?’