ध्रुवीकरण के सहारे जिंदा है भाजपा और सपा की राजनीति: बसपा
दादरी हत्याकांड और उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की अन्य घटनाओं की पृष्ठभूमि में बसपा ने आज भाजपा और सपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘ये दोनों पार्टियां राजनीतिक..
दादरी हत्याकांड और उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की अन्य घटनाओं की पृष्ठभूमि में बसपा ने आज भाजपा और सपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘ये दोनों पार्टियां राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की वारदात को हवा देती हैं क्योंकि इनकी राजनीति दो समुदायों के बीच खाई के सहारे जिंदा है।’
बसपा के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद सांप्रदायिक तनाव की कई घटनाएं हो चुकी हैं।…भाजपा और सपा ऐसी घटनाओं को हवा देती हैं क्योंकि इससे उनको राजनीतिक लाभ मिलता है। अगर दोनों समुदायों के लोगों के बीच खाई पट जाए तो इन दोनों पार्टियों की राजनीति खत्म हो जाएगी। इनकी राजनीति ही धुव्रीकरण के सहारे जिंदा है।’’
बसपा नेता ने दावा किया कि पूर्व की मायावती सरकार के समय इस तरह की घटनाएं नहीं होती थीं, जबकि सपा की सरकार बनने के साथ ही उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के बनने के बाद से राज्य में दंगों का सिलसिला शुरू हो गया है।’’
सिद्दीकी ने दावा किया, ‘‘सपा और भाजपा के बीच मिलीभगत है। इसका ताजा उदाहरण मुलायम सिंह यादव का वह बयान है जिसमें उन्होंने बिहार चुनाव में भाजपा के जीतने की संभावना जताई। ऐसा क्यों होता है कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा अपना उम्मीदवार नहीं उतारती और फिर इसके बाद कन्नौज लोकसभा सीट के उपचुनाव में डिंपल यादव के खिलाफ भाजपा अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा करती? ये दोनों पार्टियां आपसी सहमति से राजनीति करती आ रही हैं।’’