शांता कुमार अपनी बात पर कायम, पर भाजपा ने किया किनारा
भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार द्वारा पार्टी शासित कुछ राज्य सरकारों पर लग रहे आरोपों पर चिंता प्रकट करने और लोकपाल नियुक्त करने की उनकी मांग से अपने को पूरी तरह अलग करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के दुष्प्रचार में उलझ गए हैं। शांता कुमाार ने हालांकि कहा कि वह अपने पत्र के हर एक शब्द पर कायम हैं।
भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार द्वारा पार्टी शासित कुछ राज्य सरकारों पर लग रहे आरोपों पर चिंता प्रकट करने और लोकपाल नियुक्त करने की उनकी मांग से अपने को पूरी तरह अलग करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के दुष्प्रचार में उलझ गए हैं। शांता कुमाार ने हालांकि कहा कि वह अपने पत्र के हर एक शब्द पर कायम हैं।
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने संवाददाताओं से कहा कि शांता कुमार ने जो कुछ कहा या लिखा, पार्टी उससे अपने आप को पूरी तरह से अलग करती है। हम आमतौर पर शांता कुमार को काफी परिपक्व नेता मानते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि वह कांग्रेस के दुष्प्रचार के जाल में उलझ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लिखे एक पत्र में व्यापमं जैसे भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए पार्टी में लोकपाल की मांग की है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के इन मामलों से उनका सिर शर्म से झुक गया है।
भाजपा को ‘नसीहत’ देने वाले पार्टी वरिष्ठ नेता शांता कुमार का मकसद खुद को दूध का धुला साबित करने का था, मगर इस खत के सामने आने के बाद आलाकमान के स्तर पर फ टकार सह रहे शांता के खिलाफ भाजपा का एक वर्ग धर्मशाला में अदरूनी बगावत पर है। जाहिर है, अपने गृह जिले कांगड़ा में शांता अब भाजपाइयों के निशाने पर हैं। इस तरह का राजनैतिक कांड शांता पहले भी कई बार कर चुके हैं।
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वेंकैया नायडू और राजनाथ सिंह के विभागों पर प्रतिकूल टिप्पणियां पर बर्खास्तगी तक झेल चुके शांता ने एक वक्त में यह कह कर मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी को भी निशाने पर लिया था कि ‘मैं गुजरात की लाशों पर राजनीति करने की बजाए तत्काल त्यागपत्र दे देता।’ गौरतलब है कि पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और बाद में केंद्रीय वजीर रहने के बावजूद पराजित होने का रेकार्ड कायम करने वाले शांता के उस अतीत को अब भाजपाई ही कुरेदने की कोशिश में जुट गए हैं।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।