दिल्ली चुनाव: BJP ने व्हाट्सऐप से लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को भेजा मनोज तिवारी का DeepFake वीडियो
सोशल-मीडिया सह प्रभारी नीलकांत बख्शी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बनाए गए इस वीडियो को उनके सामने एक फर्म ने प्रस्तुत किया था।

दिल्ली चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रमुख मनोज तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था। इस वीडियो में मनोज तिवारी हरियाणवी बोलते हुए नज़र आ रहे थे। इस वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट किया है कि भाजपा दिल्ली प्रमुख का यह वीडियो एक प्रयोग था। जिसका उनकी टीम ने अपने व्हाट्सऐप ग्रुप पर परीक्षण किया था।
मीडिया से बात करते हुए, दिल्ली बीजेपी आईटी सेल और सोशल-मीडिया सह प्रभारी नीलकांत बख्शी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बनाए गए इस वीडियो को उनके सामने एक फर्म ने प्रस्तुत किया था। दिल्ली-एनसीआर में परीक्षण करते हुए इस वीडियो को 5,800 व्हाट्सऐप ग्रुपों पर भेजा गया था। जो लगभग डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंच गया।
दिल्ली बीजेपी आईटी सेल सह प्रभारी ने कहा “हमने अपने सोशल मीडिया अभियान के लिए इस तकनीक का उपयोग नहीं किया। मनोज तिवारी के भाषण का हरियाणवी संस्करण एक प्रस्तुति के दौरान सामने आया। हमने केवल एक बार व्हाट्सऐप पर इसका परीक्षण किया। बख्शी ने कहा कि यह सोशल मीडिया या कहीं और हमारे अभियान का हिस्सा नहीं था।
यह है मनोज तिवारी का ऑरिजिनल वीडियो –
वाइस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा की दिल्ली इकाई ने सोशल मीडिया के माध्यम से मतदाताओं के बड़े आधार तक पहुंचने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डीपफेक तकनीक’ का इस्तेमाल किया था।
यहां देखें उस वीडियो का ‘डीपफेक’ अंग्रेजी संस्करण –
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली बीजेपी के आईटी सेल ने “द आइडियाज फैक्ट्री” नामक एक फर्म के साथ गठजोड़ करते हुए, मनोज तिवारी के डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया और उसे चुनाव से पहले कई व्हाट्सऐप ग्रुपों पर वायरल किया।
यहां देखें उस वीडियो का ‘डीपफेक’ हरियाणवी संस्करण –
बक्शी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया “हम ऐसी जगह पर बैठे हैं, जहां कई एजेंसियां आती हैं और अपने उत्पादों के बारे में बताती हैं या दिखाती हैं। हमने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके इस तरह के वीडियो बनाने के लिए किसी एजेंसी के साथ करार नहीं किया है।”
उन्होंने कहा “हमारी टीम का एक सदस्य हरियाणवी भाषा में तिवारी जी के एक वीडियो को लेकर आया था, इसलिए हमने उसे अपने आंतरिक ग्रुपों में फॉरवर्ड किया था। हमने महसूस किया गया कि यदि वीडियो अंग्रेजी भाषा में होता तो यह बेहतर होता, इसलिए हमारी टीम के सदस्यों में से एक ने अंग्रेजी वीडियो के लिए कहा जो उन लोगों ने हमें दिया।”
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