Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार (17 मार्च, 2023) प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोर्ट के फैसले से भाजपा का कोई लेनादेना नहीं है। लोकतंत्र में अदालत से बढ़कर कोई नहीं है। भारत की कानून पद्धति पर सभी एक समान हैं। राहुल गांधी के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है। वो कोई पहली बार नहीं हुई है। कई सांसदों, विधायकों को इससे पहले सजा हुई है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री जी के सरनेम के साथ अपशब्द जोड़ा था। जातिवाचक शब्द का प्रयोग करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इस आरोप पर सूरत कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ है कि भारत की कानून व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति से ऊपर कोई नहीं है। प्रधान ने कहा कि आज साहिबजादे (राहुल गांधी) के चाटुकार छाती पीट रहे हैं, हाय-तौबा कर रहे हैं। आज जो फैसला हुआ है उन्हीं की सरकार में ऑर्डिनेंस के आधार पर हुआ है। आज जब उनकी सदस्यता गई तो, उन्हीं के पार्टी के लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं।
भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं: अनुराग ठाकुर
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते थे दुर्भाग्य से सांसद हूं। जो उनको दुर्भाग्य लगता था, आज उससे भी उनके मुक्ति मिल गई। वायनाड के लोगों को भी छुटकारा मिल गया। ठाकुर ने कहा कि इतने लंबे समय से जो लोकसभा के सदस्य हो, 2009 से 2014 तक, 5 वर्षों में कभी अमेठी के लिए सवाल नहीं पूछ पाए। इतने वर्षों में मात्र 21 डिबेट्स में भाग लिया। यह अपने आप में उनके बारे में बताता है।
ठाकुर ने कहा कि अभद्र भाषा का प्रयोग, अपमान करने का काम, अपशब्द बोलना…ये उनकी (राहुल गांधी) आदत सी बन गई थी। उनको लगता था कि कुछ भी कह दो, कर दो… आपको तो देश में कोई कुछ बोल ही नहीं सकता। वो अपने आपको सभी चीजों से ऊपर समझते थे।
देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा: कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सरकारी संस्थाओं का दमन हो रहा है। राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। सिंघवी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह निडर होकर बोलते रहे हैं। जाहिर है, वह इसकी कीमत चुका रहे हैं। सरकार बौखला गई है। यह सरकार परेशान है क्योंकि वह तथ्यों और आंकड़ों के साथ बात करते हैं। यह सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नई तकनीक खोज रही है।
क्या है मामला-
सूरत की एक अदालत गुरुवार को राहुल गांधी को भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है। वायनाड के लोकसभा सांसद ने 2019 के आम चुनावों के लिए एक चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है’। इसके बाद राहुल गांधी की आज संसद सदस्यता रद्द कर दी गई।